पता है कन्हैया ये मन इतना आनंदित क्यों है
क्योंकि इस मन में तुम्हारी याद जो रहती है...❤️-
निगाहों में तुम्हारी जो देखा कन्हैया,
अब यहीं है ठहरना अब यहीं है ठिकाना
✦••┈┈┈•✤•┈┈┈••••●••••┈┈┈•✤•┈┈┈•✦-
जगत का हर रंग है फीका
जगत का हर रंग है अधूरा
जगत का हर रंग है झूठा
बस एक मेरे राधेश्याम का हर रंग है अनूठा ❤️-
कभी याद आते हो,कभी ख्वाब में आते हो,
कभी हँसाते हो, कभी रूलाते हो,
मुझे सताने के सलीके तो कन्हैया तुम्हें बेहिसाब
आते हैं।-
श्री राधे हर सांस मधुरं है,
जब से श्री मधुराधिपति इस हृदय में है....❤️-
दुनिया के बदलते रंगों के हर रंग देखे मैंने...!!
पर मेरे श्री मुकुंद माधव सदैव अपने अंग संग देखे मैंने...!!-
हम तो अपने ख़्यालों का भी ख़्याल रखते हैं "कन्हैया
क्योंकि उन ख़्यालों में बस तुम ही बसते हो "कन्हैया"-
तेरे दर्शन को गोविंद ये दिल तड़पता है,
इस ह्रदय में बस मोहन तू ही बसता है,
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है,
ये दिल पुकारे "कन्हैयाप्यारे" एक बार तो आजाओ
तेरे दर्शन को गोविंद तेरे प्रेमी तरसते है।-