Shivani Rajput   (शिvani)
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💐भगवत् कृपा ही केवलं💐
Joined 22 January 2021


💐भगवत् कृपा ही केवलं💐
Joined 22 January 2021
7 MAY 2023 AT 21:58

पता है कन्हैया ये मन इतना आनंदित क्यों है
   क्योंकि इस मन में तुम्हारी याद जो रहती है...❤️

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13 MAR 2023 AT 23:09

निगाहों में तुम्हारी जो देखा कन्हैया,
अब यहीं है ठहरना अब यहीं है ठिकाना
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13 MAR 2023 AT 20:39

जगत का हर रंग है फीका
जगत का हर रंग है अधूरा
जगत का हर रंग है झूठा
बस एक मेरे राधेश्याम का हर रंग है अनूठा ❤️

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5 JAN 2023 AT 20:44

जी करे तेरे कोल मैं बैठी रहां
बैठे बैठे मैं तेनु तकदी रहां ❤️

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2 JAN 2023 AT 12:44

कहंदे ने नैणा तेरे कोल रहणा....❤️

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2 OCT 2022 AT 21:35

कभी याद आते हो,कभी ख्वाब में आते हो,
कभी हँसाते हो, कभी रूलाते हो,
मुझे सताने के सलीके तो कन्हैया तुम्हें बेहिसाब
आते हैं।

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1 OCT 2022 AT 13:30

श्री राधे हर सांस मधुरं है,
जब से श्री मधुराधिपति इस हृदय में है....❤️

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22 SEP 2022 AT 0:36

जहाँ सम्बंध "प्रेम" "अपनत्व"
से जुड़ा होता है।
वहाँ "दिल" "दिमाक" "धड़कन" "मन"
सब कुछ होंता है।
"प्रेम" "अपनत्व" ही
सब का सार है
"प्रेम" "अपनत्व" से ही "रिश्तों" में
"बसंत बहार" है।

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21 SEP 2022 AT 22:18

"मन" से तो परिवर्तन होते है।
"मन" आज है कल नही,
रिश्ते तो सिर्फ और सिर्फ
"प्रेम" "अपनत्व" के "एहसास"
से बंधे होते है।
रिश्ते तो केवल "दिल"
से निभाये जाते है।

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21 SEP 2022 AT 21:24

"प्रेम" "अपनत्व" से बंधे रिश्ते
अंतर्मन के भाव है।
"प्रेम" में ना कोई निश्चित उम्र
ना कोई बोझ है।
"प्रेम" अपनी ही धुन में
बेखबर,मस्त सवार है।
"प्रेम" "अपनत्व" के एहसास
से ही रिश्तों का अस्तित्व है।

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