I am back again
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* Writing is pouring my heart out... a... read more
शायद मैं गलत थी...
एक साल में बहुत कुछ बदल गया ।
जो पहले दूसरो को समझाती थी
आज लगता है खुद समझ जाऊँ ।
जिसके भरोसे खुद को रोक कर
इन्तेजार करने के लिए कहती रही ।
आज लगता नही कि वो इन्तेजार सही है ।
जिसको सब कुछ बताने को उतावली रहती
लगता नही वो मुझे कुछ बताना चाहता है ।
हमेशा खुद को समझाती कि तू खुद को सही कर
बाकी सब खुदबखुद सही हो जाएगा।
पर शायद नही
आज खुद को गिराने के फैसले पर
मैं खुद के खिलाफ खड़ी हूँ
हाँ शायद मैं गलत थी ।।-
सह लेने दो जो भाग्य में लिखा है,
कहना कुछ भी गलत होगा।
ख़िलाफ़त जान पड़ती है दुनिया की,
सह लेने से गम शायद कुछ कम होगा।
जान लेने पर असलियत उनकी,
दिल में उजागर जो प्रश्न होगा।
उत्तर हो न हो उसका,
कोई है जिसपे विश्वास अनंत होगा।-
ज़िन्दगी बदलती है कुछ न करके भी
करने वालो के तो बस उदाहरण दिए जाते हैं।।-
समझती थी की वो समझता है मुझे...
अफ़सोस है कि मै गलत समझती थी !!-
काश मेरे मन को भी जानने की कोशिश की होती ....
प्यार कह देने से नही होता काश ये जान पाते तुम ।
अगर मैं अपशगुनि हूँ तो क्यों है ये साथ...
काश मेरी जगह खड़े होकर मेरे दिल के हालात देख पाते तुम।
हक़ समझते हो कहने का तो कहने की वजह भी तो हो...
इंसान हूँ मैं, कोई चीज़ नही...
मेरी ज़िन्दगी के फैसलो में मेरी रज़ा भी तो हो।-
जरुरी नही कि जो कोई कह दे हम वही करे
हमारे बारे में हमसे ज्यादा हमें कोई नही जानता और जब कोई हमें जानता नहीं तो वो हमारे लिए वो फैसले भी नही ले सकता जो हमारे लिए, हमारे फ्यूचर के लिए सही हो। कई बार हम खुद पे भरोसा न करके दूसरों की बातों पे ज्यादा विश्वास करने लगते हैं जो कि गलत है। हमारा खुद पे विश्वास अटूट होना चाहिए। जो किसी की कही बात सुनके डगमगा न जाए।।-
जिसे जीना आया उसे जीने न दिया
जिसने मरना चाहा उसे मरने न दिया!
कैसा दस्तूर है तेरा ए जिन्दगी ...
मरा जो, वो तो मरा ही सही
तूने तो जिंदा को भी जिंदा रहने न दिया!!-