25 JUN 2019 AT 23:12

सब कुछ छूट रहा है हाथो से
रेत की की तरह सब कुछ बिगड़ता नजर
आ रहा है
वक्त से यही गुजरिश है बस ये
जिंदगी भी खत्म हो जाए कुछ
लम्हो की तरह

- Shivani ojha