जीवन में कुछ युद्ध रण के लिये नहीं, मन के लिये बनें होते हैं।
जिन्हें हमें मन में लड़ना होता हैं।-
जनाब !
हमारी ख्वाइशों का मोहल्ला तो बहुत लंबा होता है।
इसिलिये
कभी-कभी ज़रुरतों की गली में रुकना बेहतर होता हैं ।।-
कभी-कभी कुछ रिश्तों को
थोड़ा वक्त दिया जाता हैं !
उन्हें बहानें देकर रिश्तों को तोडना
शुरता नहीं है ।-
हमारी ख्वाईशों का मोहल्ला तो जनाब,
बहुत लंबा होता है!
इसिलिये कभी कभी जरुरतों की गली में रुकना,
बेहतर होता हैं ।
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अकेला वारीस हुं, मैं उसकी तमाम नफरतों का ।
जो शख्स सारे शहर में प्यार बांटते आया हैं ।
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ऐ बारिश !
तु इश्क हैं, जादु हैं, या मौसम हैं बहार का,
तेरे आने से खिल जाता हैं हर फुल प्यार का।
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कभी कभी दिल से बात करना चाहते हैं
अपनी दिल की बात लिखना चाहते हैं
अपने दिल का हाल-ए-दर्द बया करना चाहते हैं
पर हर बार ये मतलबी दुनिया याद आ जाती हैं
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जैसे ही मैंने सर रखा राधा-रानी के चरणों में,
दुनिया बसीं मिलीं मुझे श्याम शरणो में।-
हरी भरी वादियों पे बादलों का बसेरा है।
भीगी-भीगी फिज़ा है, खुशबूओं का फेरा है ।
दरख्तों के साये में मोहब्बतों का डेरा हैं।
चांदनी की रुत हैं, रोशनी की झुरमुट है ।
पलकों में कोहरा-सा सपना सज़ा हैं ।
दामन में उम्मीदों से कोई अपना बना है ।
हरी भरी वादियों पे बादलों का बसेरा है।
भीगी-भीगी फिज़ा है, खुशबूओं का फेरा।-