Shivani Garg   (Shivani Garg✍️)
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Joined 2 May 2021


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Joined 2 May 2021
5 JUL AT 11:45

सपनों को टूटा देखकर बिखर जाऊं क्या
एक बार फिर खड़े होकर सम्भल जाऊं या
जाने दूं क्या उन रातों को जो मैने जागकर बिताई है
फिर वापस जागकर उनकी कीमत पाऊं या??

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1 FEB 2022 AT 13:22

सिर्फ पछतावा ही रह जाता है।
मिन्नते करते है वापस आने की
लेकिन वक्त लौटकर नहीं आता है।।
— % &

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17 JAN 2022 AT 22:20

आज हाथ खाली है तो क्या हुआ
कल मुट्ठी में पूरा आसमान होगा,
कर ले आज मन लगाकर कोशिश
कल हाथ में तेरे हर मुकाम होगा,

जिंदगी में बेशक आज अंधेरा है
मगर कल रोशन ये जहान होगा,
कर ले आज मेहनत गुमनामी में
कल अखबारों में तेरा नाम होगा,

आज थक कर मत बैठ रास्ते में
कल पूरा जिंदगी का ख्वाब होगा,
आज हाथ खाली है तो क्या हुआ
कल मुट्ठी में पूरा आसमान होगा।।

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20 DEC 2021 AT 0:50

छोड़ तो सकते थे हम भी किसी को तकलीफ में यहां
लेकिन दिल हमारा हर किसी को भगवान का अंश मानता है

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20 DEC 2021 AT 0:15

होना तो चाहिए था हमको भी दुनिया में मतलबी,
लेकिन शायद मेरे प्यारे खुदा को ये मंजूर न था।
तोड़ तो सकते थे हम भी दिल कभी किसी का,
लेकिन हमारे जीवन के उसूलों को ये कुबूल न था।
अपनों की चोटों को हंसते हुए चुपचाप सह गए हम,
क्योंकि उनकी तरह हमें झूठी शान पर गुरुर न था।।

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19 DEC 2021 AT 23:56

दिल में घाव,पीड़ा,आंसू,मजबूरियां छिपाए बैठे है
है कोई बात कैसे बताए तुमको,
कि हम अपने आप को कितना सताए बैठे है
सुनोगे तो डूब जाओगे गहराइयों में,
सीने में दर्द का इतना गहरा समंदर दबाए बैठे है...

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27 NOV 2021 AT 23:26

बड़े सपनों के लिए दूर चले जाते है लोग
वरना अपनो से दूर रहना कौन चाहता है
कुछ मजबूरियां होती है अक्सर इंसान की
वरना रातों को दिन बनाना कौन चाहता है
कुछ को जुनून होता है मंजिल पाने का
वरना मुश्किलों से लड़ना कौन चाहता है
आगे बढ़ने के लिए भूलना पड़ता है सब
वरना यादों को भुलाना कौन चाहता है
टूटकर बिखरने पर अक्सर रो पड़ते है हम
वरना आंसुओं को दिखाना कौन चाहता है....

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27 OCT 2021 AT 12:59

अपने लिए तो सभी जी रहे हैं
तुम ऐसे खुशनसीब बनो जो
किसी के काम आ जाओ,
दौड़ती इस दुनिया में किसी की
दुआओं में याद आ जाओ,
फरिश्ते न सही, सच्चे इंसान बन जाओ
जीते जी किसी के काम आ जाओ।।

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11 OCT 2021 AT 16:20

कुछ लोग इन रास्तों पर चलकर मंजिल पा जाते है
और न जाने कितने इन्ही रास्तों पर भटक जाते है।
आसान नहीं है इनमें सही रास्तों की पहचान करना
क्योंकि इनकी अंतिम मंजिल हम कहां समझ पाते है।।

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11 OCT 2021 AT 12:31

मंजिल का कठिन है रास्ता, मुश्किलों से गुजरना पड़ता है,
विचारों के तूफान से, हिम्मत की नाव को टकराना पड़ता है।
आसान नहीं है जिंदगी, जिंदगी को आसान बनाना पड़ता है,
चमकने के लिए सोने को, कष्टों की आग में तपाना पड़ता है।
न जाने कितनी बार ठोकर खाकर, खुद को उठाना पड़ता है,
आंसुओं को छुपा कर, दुनिया के सामने मुस्कुराना पड़ता है।
सफलताओं का जश्न मनाने के लिए, हार को हराना पड़ता है,
मंजिल को पाने के लिए, सब कुछ दांव पर लगाना पड़ता है।।

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