Shivani Bhendarkar✨   (Shivani Bhendarkar)
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Joined 13 February 2021


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Joined 13 February 2021
23 NOV 2021 AT 20:02

इंटरनेट बंदि के कारण मोबाइल
सूबह से रात बस एक कोने में पड़ा था ,
सोशल मीडीया गेम्स क्लासेस से हर
कोई इन ३ दिनों में दूर हो चुका था ।।
फिर अचानक मन में खयाल आया
क्यों न आज कुछ नया करते है ,
शाम को बैठ कर अपने मम्मी पापा से
उनके बचपन के बारे में पूछते है ।।
जब बता रहे थे मम्मी पापा उनके बचपन की बाते ,
बातो में थी बस मजबूरी ,मुसीबतें खाली पेट बिताई राते ।।
ना थी कोई उम्मीद ना था कोई चाहने वाला ,
था बस मन में जज्बा और हौसला ।।
देखा उनके आखों में बस नमी सी छाई हुई थी ,
क्योंकी उनकी कही बाते कहानी नहीं वो सच्चाई थी ।।
बड़ा गर्व हो रहा था अपने आप पर के मैं कितनी भाग्यशाली हूं ,
अपने माता पिता को हर दुखोसे दूर कर उन्हे खुशियो में तकदील करदू ।।


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10 NOV 2021 AT 21:35

पश्चाताप

देरसे ही सही पर जो अपने
गलती को मान लेता है ,
उसका अर्थ पश्चाताप

गलत राह से सही रहा चुननेका
जो मौका देता है ,
उसका अर्थ पश्चाताप

खोया हुआ सम्मान खोई इज्जत
वापस पानेका मौका जो देता है ,
उसका अर्थ पश्चाताप

पश्चाताप ही मनुष्य को एक अच्छा इंसान बनाता है


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4 SEP 2021 AT 23:02

तुम्हारे जाने के बाद आज तक ,खुद को ना संभालनापाए ।।
बस इतनिसी गलती थी मेरी जो हम ,तुम्हे अपना दिलेहाल ना बतापाए ।।

ना जाने ऐसी कितनी राते मैने ,तन्हाई में काटी है तुम्हारे बिन ।।
ना जाने ऐसी कितनी बातो को ,बस यादो में पिरोए दिन बदिन ।।

आज भी तुम्हारे आने की ,उम्मीद दिल में जगी हुई है ।।
तुमसे मिलकर दिल से तुम्हे इजहार करदू ,यही आस मन में जगी हुई है ।।



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20 JUL 2021 AT 8:42

ओढ वारीची लागलीया आता ....
तुझ्या दर्शना साठी कासावीस ,
झाले माझे मन सखा पांडुरंगा
तिळा चंदणाचा लावला ,
कपाळावरी हरी नामाचा
तुझे चरण स्पर्श करूनी
हे जीवन तृप करायचं ध्यास
मनी रमलाय मज आता....

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19 JUL 2021 AT 13:50

ना रोक सकोगे मुझे मै वो तूफानी कयामत हु ।
ना टोक पाओगे मुझे मै वो जज्बाती नारी हु ।

अपने अरमानो से मुकर जाउ इतनी भी मै मजबूर नही ।
आगे लाख काटोको देख डर जाउ इतनी भी मै कमजोर नही ।

हालात चाहे कितने भी नाजुक क्यों ना हो डरना मेरे जेहन में नही ।
लड़की समझ कर हर कोई मूझपे उंगली उठाए इसकी किसी को इजाजत नही ।

मेरे गलतीयो को परखने का काम मेरे मातापिता के सिवाय किसी और का नही ।
अपना बोल कर जो मेंरी जिंदगी में दखल अंदाजी करे वो मेरे कोई काम का नही ।

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14 JUL 2021 AT 8:19

हम रोज उनके गली से गुजरते है
नहीं रहते वो वहा फिर भी उन्हें महसूस करते है ।

ना जाने क्यों उसी गली पे उसी राह पर
उसी मंजर को याद कर अपनी मंजिल को ढूंढते है ।

अब नही होती उनसे रूबरू मुलाकाते
अपने ख्वाबों मेही उनसे बाते करते है ।

अब तो ऐसा आलम है कि रूह के साथ साथ
अपने ख्वाबों में भी उन्हें जुदा होते हुए पाते है ।

क्या लिखूं इस गम के स्याही से उनको
अपने आसुओं से हमेशा कागज भीगा हुआ पाते है ।


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3 JUL 2021 AT 15:02

Ghar pe aagar aapna dost aajaye to mummy ke muhh se hamre bareme bejjtihi nikalti hai tarif nahi...
Aur aage chalke us dost ko sambhalana bada hi mushkil ho jata hai...😅

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22 JUN 2021 AT 15:58

Jb koi keheta hai ke tum to ab badi ho gai ho Ghar Ka Pura Khana pakaleti hogi ??? 🍱
Then me 👇🏻

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20 JUN 2021 AT 8:33

आपल्या कुटुंबियांना साठी
तो रात्रं दिवस कष्ट करतो राबतो...
पण त्याला च जी किंमत मिळायला हवी
ती किंमत तो सन्मान द्यायचं आपण विसरतो....
दिवाळी ला स्वतः साठी कपडे ना घेता
आपल्या लेकऱ्यांच्या चेहेऱ्यावर हास्य पाहून आनंदी होतो...
स्वतः च दुःख परिस्तिथी न दर्शवता
तो आपल्या कुटुंबीयांचा प्रत्येक इच्छा पूर्ण करतो....
कुटुंबाच्या कल्पतरू चा तो अविभाज्य अंग असतो
जो एका झाडाच्या मुळा प्रमाणे पूर्ण घराला आनंदी जीवन पुरवतो...
आतमधून हळवा तर बाहेरून कठोर असतो
आपल्या लेकीच्या लग्ना मध्ये सर्वात जास्त तोच बाप घळा घळा रडतो....
बाबा तुम्ही आहात म्हणून आज आम्ही आहोत...
आपल्या या निस्वार्थ भावनेचे आम्ही आभारी आहोत
आम्ही आभारी आहोत....

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18 JUN 2021 AT 9:09

ये किस कश्मकश में ,फस गए है...
सुबह का चैन रातो की नींद, जैसे खोही चूके है...

दिन रात उनके ख़यालो में, डूबे रहते है ....
उनसे मिलने की उम्मीद से ,घिरे हुए रहते है...

ये अनुभूति इश्क की है, या है उमर का कसूर ...
लोग कहते है इन सब बातो से, रहो तुम दूर...

डर लगता है के इस अनजान राह पर चलके, हो ना जाए मुझसे कोई भूल ...
बरसो पहले देखे हुए सपने, कहीं हो ना जाए टूट के चुर...

एक ना एक दिन तो मेरा ,प्यार मुझे मिल ही जाएगा..
पर आज मैंने अपना सपना साकार ना किया, तो मेरा जज्बा टूट जाएगा..

ठान लिया है आज मैंने ,नहीं टूटने दूंगी मै अपना हौसला....
अब बस अपने लक्ष पर ध्यान देने का,आज किया है मैंने फैसला...

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