Shivani   (Shivi)
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Joined 13 February 2019


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26 MAR AT 22:02

मैं गुजरती हूं उसकी गली से उसके लिए , पर उसे खबर कहां है
मैं गुजरना बंद भी कर दूं तो किसी दिन, उसे फिर भी खबर कहां है

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26 MAR AT 21:48

ये जो कहते है कि रात के बाद सुबह आयेगी
बस ये बता दे ये रात अब और कितनी लंबी जायेगी...

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13 MAR AT 7:48

तुमने पूछा था ना मुझसे कि
जो दिल में है वो कह क्यूं नही पाती मैं?
चलो आज तुम्हारे इस सवाल का जवाब दे ही दूं
जो कह नहीं सकी तुमसे वो इसी पन्ने पर रहने भी दूं।

कहा था मैंने अपना हाल पर किसी ने समझा ही नहीं
फिर दिल ने भी सोचा कि वो परेशान है अपनी ही शिकायतों से
क्यूं उन्हें अपनी तकलीफों से वाकिफ होने दूं
बस वो देखे मेरी तरफ और मुस्कुरा दे, तो मैं अपनी शिकायतों को अंदर ही रहने दूं।

उन्हें आदत नही है मेरी खामोशी की या कहूं अब मैं काफी नही
तो दिमाग ने फिर सोचा, वो बोले मुझसे कुछ और मैं सुन सकूं उनकी बातें
इसलिए अपनी बातों को थोड़ा चुप ही रहने दूं।

वो सोचते है कि मैं मुस्कुरा रही हूं तो खुश हूं तो ये ही सही
फिर आखों ने भी सोचा, कि उनकी आंखों में नमी ना हो
वो रख सके मेरे कंधे पर सर, इसलिए इन अश्कों को अंदर ही रहने दूं।

तुम कभी बैठना मेरे साथ फुरसत में और देखना मेरी आखों में
पढ़ सको तुम जिस दिन मेरे अंदर का हाल, समझ सको मेरी खामोशी को
शायद उस दिन तुम जान सको, क्यू नही कह पाती मैं अपने दिल का हाल।

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2 MAR AT 20:02

गणित की समांतर रेखाओं सा है हमारा जीवन
तुम साथ तो हो मेरे पर मुक्कदर में नहीं...

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2 MAR AT 19:27

Little efforts which impact more than the time spent with someone

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2 MAR AT 19:20


सरकारों को आलोचना देशद्रोह की परिभाषा कब से हो गया?

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20 DEC 2023 AT 18:48

कुछ सवाल कभी न पूछे जाए , वही काफी है
कुछ अल्फाज़ कभी लबों पर ना आए, वही काफी है
मेरी चुप्पी बेवफाई नहीं है तुझसे यारा
कुछ कहानी का अंजाम ना जानो, वही काफी है।

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8 APR 2023 AT 9:53

इस दुनिया में कुछ लोग अपने आप पर इतना विश्वास करने लगते है की उन्हें लगता है की उनकी सोच से बेहतर कोई सोच हो ही नही सकती। कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते है जो किसी की प्रशंसा में कोर - कसर नही छोड़ते, वस्तुस्थिति की सत्यता है या नहीं, इससे उन्हें कोई वास्ता नहीं, उन्हें तो अपने अहम् को पुष्टि करना है, यह काम व्यक्ति अपने थोड़े से लालच के लिए करता है।

- मां, तुम क्यों रोती हो?, चार बिस्वा जमीन, दिनेश चंद्र शर्मा

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28 JAN 2022 AT 20:28

जमीं बेच देंगे, गगन बेच देंगे,
कली बेच देंगे, चमन बेच देंगे,
कलम के सिपाही अगर सो गए तो,
वतन के मसीहा वतन बेच देंगे।

- अज्ञात— % &

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26 JAN 2022 AT 16:40

तेरे लिए इश्क उसका मुझ से बड़ा है
ए देश नही यार मेरा कोई बेवफ़ा है...

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