जब लौटकर आना ही नही जानेवालों को,,,
फिर आंखों का झरोखा किसके लिए खोल रखा है....।-
चोट दिल मे लगी थी,,
इलाज़ दिमाग का किया गया,,,
वो प्यासा इश्क़ का था,,,
जिसे जिंदगी का ज़हर दिया गया....।-
"मोहब्बत बड़ी भूखी थी,,
पूरी एक पीढ़ी की जिंदगी और जवानी दोनों खा गई.."
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एक धड़कन कभी ऐसी आये,
मुख में हो " राधा" नाम.....
और तन से प्राण निकल जाए....।-
तुम मेरी जिंदगी की किताब का आखरी अध्याय हो,,
तुम्हारे बाद मेरी जिंदगी कोरा कागज़ है......।-
हमने देखा है,,
बातों-बातों में बात बढ़ जाती है,,,,
तू खुश रहे अपनी आवारगी में,
बस इसलिए खामोशियों को चुन लिया हमने...।-
बड़ी मासूम हैं ये बारिश की बूँदे,
हर रोज़ मेरे दामन को भींगा देती है,,
ये नादां नही जानती,
सहराओं को कोई कितना सींचे,,
वहां फूल नहीं खिला करते....।-
सारे यार,सारे दोस्त मतलबी निकले,
जिसको जितना ज़्यादा जाना,
वो उतने ज़्यादा अज़नबी निकले....।-
उन दोस्तों को भी
happy friendship day,
जिन्होंने मुझे तब छोड़ा,जब मुझे सबसे ज़्यादा
उनकी जरूरत थी.....।
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