वो क्यों न दिखता है
हर वो शख्स दिखता है, जिसे में देखना ना चाहूँ
जिसे में देखना चाहूँ, वो क्यों न दिखता है?
सड़क पर है कई चेहरे, कोई अपना नहीं लगता
जो चेहरा अपना लगता है, वो सड़क पर क्यों न दिखता है
है फरेब भरा सब में, जबान से शहद टपकता है
जिसके नसों में शहद बहता है, वो इंसान क्यों न दिखता है?
चाह थी पूरी दुनिया देखे हम, अब इरादा मुश्किल लगता है
जिस चेहरे में पूरी दुनिया दिखती है, वो ही क्यों न दिखता है?-
जब जिंदगी ने साथ छोड़ दिया,
तब अल्फाज़ों ने साँसें दि!!