यह चाहत एक तरफा नहीं तुम भी मेरे बगैर रह नहीं पाते, जितना तुम्हें दूर करने की कोशिश करते हैं उतना ही मेरे पीछे पीछे चले आते हो, सुना है मोहब्बत का ज़माना दुश्मन होता है पर यहां तो लोग हमे मिलाने में लगे हैं... खैर जो होगा देखा जायेगा हम भी तुम्हारे बगैर रह नही पाते
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कुछ इस तरह से कट रहे हैं दिन हमारे कि
हर रात आखिरी और हर सुबह एक नई जिंदगी सी लगती है..!-
कभी-कभी आते हैं ऐसे भी हालात
जब कोई नहीं समझता हमारे जज्बात
तब दिल में ही रह जाती है दिल की बात..!-
नारी तुम्हें अपना अस्तित्व खुद ही पहचानना होगा!
लोगों का काम है पीछे खींचना
ना कि एक नारी को आगे देखना,
मनोबल गिराने वाले बहुत मिलेंगे
मगर तुम्हें खुद संभलना होगा,
नारी तुम्हें अपना अस्तित्व पहचानना होगा!
सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं
तुम्हें बाहर भी जाना होगा,
तुम एक महिला हो, कर ही क्या सकती हो
लोगों के इस भ्रम को मिटाना होगा!
घिनौनी मानसिकता के लोगों से तुम्हें
खुद ही निपटना होगा,
अपनी तरफ आने वाले हर एक हाथ को
तुम्हें खुद उखाड़ फेंकना होगा!
नारी तुम ईश्वर का वरदान हो
एक शक्ति हो तुम्हें यह समझना होगा!
नारी तुम्हें अपना अस्तित्व खुद ही पहचानना होगा....
Shivangi Mishra
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कुछ जख्म दिखाए नहीं जाते,
ना ही किसी को बताए जाते है..!
उस दर्द को अंदर ही छुपाना होता है,
आंखों में ही आंसुओ को पीना होता है,
चेहरे पर मुस्कान लिए उस दर्द को सहना होता है..!
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हालात बुरे हैं, कभी अच्छे भी आयेंगे ..!
इन झूठों के शहर में लोग सच्चे भी आयेंगे.!-
दिवाली तो आती है पर वो वाली नहीं आती,
जिसका हमें इंतज़ार रहता था, पटाखे फोड़ने व मिठाइयां खाने को दिल बेक़रार रहता था..!
अब तो बस काम निपटाना है, घर को सजाना है, दीपों को जलाना है, पकवान खाकर, चादर तान के सो जाना है..!
दीयों की रोशनी, मिठाइयों की मिठास, पटाखों की आवाज, मेहमानों का इंतजार सब कुछ तो वही है पर बचपन नही है..!-
हरपल जो साथ दे तुम्हारा,
उससे न करना कभी किनारा..!
उसे हमेशा याद रखना,
अपनी खुशी के पल में उसे दरकिनार न करना..!-
कहने को तो मां-बाप कहते हैं बहुत कमाता है हमारा लड़का...
फिर ना जाने क्यों दहेज के नाम पर लाखों में बेचा जाता है वह लड़का...-