फुटपाथ पर सोने वाले हैरान है आती जाती गाड़ियों से
कमबख्त जिनके पास खुद के घर है वो घर क्यों नही जाते— % &-
Shivamji Mishra
(शिवम जी मिश्रा(the unknown writer))
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जमींर हमसे बेचा ना गया
वरना शाम तक अमीर हो जाते
वरना शाम तक अमीर हो जाते
Joined 16 November 2017
29 JAN 2022 AT 9:50
21 AUG 2020 AT 10:02
के बेमतलब बेफिजूल बेकार नही है
ये नये जमाने की मोहब्बत है साहब बस वफादार नही है
प्यासा छोड़ गया ये सावन हमे इस बार भी
लगता है ये अब किसी का
तलबगार नही है-
10 APR 2020 AT 0:36
वो रंगीन आँचल वो खामोश महफ़िल
घड़ी भर भी तुमको बुलाना है मुश्किल
तुम्हे शोक लहरे पुकारा करेंगे उधर हम अकेले है
और तुम्हारा आना है मुश्किल-
29 MAR 2020 AT 19:53
गम की अंधेरी रात में
दिल को न बेताब कर
एक सुबह जरूर आएगी
उस सुबह का इंतजार कर-
14 MAR 2020 AT 23:02
छोटा सा है आशियाना हमारा इसे तुम छोड़ मत देना
गर हो बेवफा तो हो जाना मगर ये दिल तोड़ मत देना-
13 MAR 2020 AT 22:47
उसके रूठ कर जाने से कैसे भी गुज़री
लेकिन जैसी भी गुज़री नागवार गुजरी-
9 DEC 2019 AT 23:39
तुमने कहा था कि मोहब्बत फूल जैसी होती है
बड़ा दुख हुआ आज ये देख कर
जब फूलों को बाज़ारो में सरेआम होता देखा-
7 DEC 2019 AT 0:35
जहां तक हो सके खुद को सलामत रखिए
दिल में अपने शान्ति और बाहर कयामत रखिए-