अच्छी हो तो बार बार पीने का जी करता हैं
और खराब मिल जाए तो एक ही काफी है 😇🤫😉😉😆😆😉
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साधारण सी भाषा को पिरोना चाहती हूँ
उलझन को अपनी... read more
खुश हूँ
तेरे साथ हूँ
खुश हूँ
हर दर्द में
खुश हूँ
तुझे पाकर
खुश हूँ
तेरे लिए
खुश हूँ
तेरी खुशी में
खुश हूँ .......-
तुम हममें हम तुममें समाते गए
हम दो हैं या हैं हम एक
ये हम बातों बातों में भुलाते गए
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कोई हो ना जहाँ
टुटे बँधन हों वहाँ
बेडियाँ ना हो जहाँ
कह के सब कुछ मेरा
पर हो ना मेरा कुछ वहाँ
फिर भी जीती हुँ वही
जहाँ कुछ ना मेरा-
बहुत सी बातें करनी है तुमसे
कुछ उड़ना है गगन तले
कुछ धरती की मिट्टी मिले जिन्दगी सुनो...
माना तुम बहुत उलझी सी हो
कुछ खट्टी सी तो
कुछ मिट्ठी सी हो
पर लगती बड़ी प्यारी सी हो जिन्दगी सुनो..
माना तुम्हरा सफर बहुत कठिन है
पर प्यार की बहारों मे
सब भुला हर गम है जिन्दगी सुनो....
अभी रुकना है तुम्हे
मेरे कदम के संग चलना है तुम्हें
मेरे हर रंग मे घुलना है तुम्हें जिन्दगी सुनो...-
हर फर्ज चुकाना पड़ता है
कुछ अपना तो कुछ अपनो का
हर दर्द मिटाना पड़ता है .....
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कुछ इस कदर इश्क़ है तुमसे
की तुम बिन
जिन्दगी खाली खाली सी लगती है-
झकझोर के मेरे मन को
न जाने क्या कुछ कहता है
कुछ याद किसी को करता है
देकर शीतलता मन को
कुछ छेड़ के मन को जाता है
वो याद सुहानी देरकर
कुछ आँसू भी दे जाता है
कुछ सूखी सी-पत्तियों में
वो यादें नई कर जाता है
एक झोंका क्यों आकर मुझको
यूँ विचलित सा कर जाता है-