Sometimes emotions may be realisation
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Writing............
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जनाब, आज
प्रकृति को जख्मी ,शहरों को चकाचौंध में पाया है,
कुछ भरी जेबो ने इसे दिवाली बताया है-
मैं फैसले अक्सर इच्छाओं पर छोड़ देता हूं,
पर मेरी इच्छाएं तुम्हारी आजादी से हार जाती हैं-
हार और जीत के बीच का फासला,
मधुरता से निरंतर चलते रहना ही आनंद है-
खामोशियां.....
झूठे प्रेम के पिंजरे में लगे चालाकी के तारों की चुभन से आजाद कराती है ख़ामोशी-
भोगिन के संसार में दियो कन्हैया को प्रेम दिखाएं
हवसिन के बाजार में बिके कौडिन के भाव-
किसी अच्छे की सच्ची दुश्मनी दुख नहीं
दुख है बिल्कुल अपनों की चालाकियां-