उड़ती पतंगों से हमने यह सीखा है
जी भर कर जीना ही जीने का तरीका है
कफन में दफन तो होना ही है एक दिन
हंसते-हंसते मरना भी मरने का तरीका है-
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Love s... read more
बड़े दिनों बाद आई है याद तुम्हें मेरी
किसी ने दिल से, दिल तोड़ दिया है क्या-
कल वो खेल गए थे मेरे जज्बातों से,
उनके दिए गमों को भुलाकर मैं जीने लगा था,
और आज वो पहली मुलाकात की यादों से अपना परिचय बताते हैं,
जिसे मैं कब का पीछे छोड़कर उनके दिए जख्मों को सीने लगा था...-
इश्क में अपने इल्म पर नाज़ नहीं करते ,
मय के नशे में कभी आवाज़ नहीं करते ,
हम भी चाहते थे कि हमें भी इश्क हो,
पर किसी ने कहा कि अच्छे बच्चे ऐसी बात नहीं करते ...-
तुम्हें आज याद आई है मेरी आशिकी
खुद के गुनाह की कर रहे हो खुद ही पैरवी
मुझे अब मेरी ही पुरानी बातों को याद दिलाते हो
जिन्हें मैं दफन कर जीने लगा था इक नई जिन्दगी...-
आज यूं अचानक ही नजर आ गए हो
कहीं उन गलियों ने भी खिलाफत कर ली है क्या?-
यह जीवन मुझे संघर्षों से मिला है कोई विरासती खलिहान नहीं है,
चंद सिक्कों में सिमट जाएगा यह जीवन ऐसा भी कोई अरमान नहीं है,
बुराइयां खोजना अलग बात है ऐसे तुम्हें लाखों मिलेंगे,
और इल्जाम भी मुझ पर ऐसे लगा रहे हो जिसमें कोई जान नहीं है...-
बात जो भी थी सीधे-सीधे कह दिए होते
यूं बुरा भला कहने की जरूरत क्या थी,
सारा इल्जाम बड़ी सादगी से लगाया है मुझ पर
मैं भी कुछ कह सकूं इसकी मुझे फुर्सत कहां थी...-
तुम्हारा साथ था तो तुम्हारी बातों पर लिखा करता था,
तुमसे दूर हो कर तुम्हारी खामोशी लिखने लगा हूं।
तुम संग थे तो हम हँसकर जिया करते थे,
अब तो जी कर खुद ही हँसने लगा हूं।
शिकायत करता भी तो किससे मैं करता ,
कि पहले से ज्यादा तुम पर मरने लगा हूं...-
बीते हुए लम्हों को मैंने जी भरकर जिया,
जो मिल सका मिला न मिलने पर गम न किया,
दोस्ती, प्यार, वफाई सब कुछ मेरे पास है आज
पर तेरे संग से बढ़कर मुझे कुछ और न मिला...-