मार्मिक वेदना, अंतरमन से निकली तेरी पीड़ा
पीड़ा तो मन को भेद रही एक तीर समान, पर सहते जा ,
जा सहते जा पर उस पीड़ा को तू यूँ व्यर्थ में व्यक्त ना करना
जा सहते जा
सहते जाना कठिनाई इस कठिन राह पर व्यर्थ में उम्मीद ना करना
जा सहते जा.।
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खुद में श्रेष्ठ हूं इसीलिए सर्वश्रेष्ठ हूं.।✌🏻
गुमनाम हूं मै
मुझे गुमनाम... read more
सजी है पूरी अयोध्या आज दुल्हन सी,
प्रभु श्री राम आज अपने घर को आए हैं.।।
पूरे भारत देश अपितु विदेश में खुशियाँ छाई हैं,
राम मंदिर बनने की शुभ घड़ीयाँ आज आई हैं.।।
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उनकी नरमी अक्सर बयां कर देती है उनकी रहीसी ख़ानदानी
जिनकी दौलत नई नई होती है वो अक्सर अपनी औक़ात दिखा दिया करते हैं।
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वल्यकाल से शुरू हुआ ये दोस्ती का कारवां ऐसे ही चलता रहे हमारा मीलों का याराना..❤️
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ज़िंदगी के रास्तों में चलते अपना मुक़ाम पाना है
हार को हरा कर एक दिन हमें भी जीता जाना है.
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कुछ ही देर की ख़ामोशी है..।
फिर कानों में शोर आएगा..॥
तुम्हारा तो सिर्फ़ वक़्त है..।
याद रखना हमारा तो दौर आएगा..॥
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तकलीफ़ों में घिर कर इतना सीख लिया मैंने
बुरे वक़्त में अपने खास भी साथ छोड़ देते हैं.।।
इसलिए दिखावे की दुनिया से अब रिश्ता ही ख़त्म
अब जैसी ये मतलबी दुनिया वैसे हम..।।
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Mujhe copy krke tum sirf meri copied khlaoge
Beta meri barabari tum zindagi me na kar paoge..
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तू दूर ही सही
तू आज भी दिल के पास रहती है मेरे
तेरा प्यार झूठा ही सही
मगर आज भी तू दिल में बसती है मेरे
तू आज किसी और की ही सही
लेकिन आज भी तेरे ख़्वाब बुनता हूँ ख़ुद से
माना कि मिलों दूर हूँ तुझसे
लेकिन आज भी बेइंतहा प्यार करता हूँ तुझसे
गुजरता हूँ तेरी गलियों से अब आहिस्ता ही सही
तेरे एक दीदार को तरसती आँखें ये मेरी
लौट आ अब पास तू मेरे कहती हर आस ये मेरी
लौट आ अब पास तू मेरे कहती हर साँस ये मेरी-
गुजरता हूँ तेरी गलियों से अब आहिस्ता ही सही..
तेरे एक दीदार को तरसती हैं आँखें ये मेरी..।।
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