हर दफ़ा जो हाज़िर हूँ मैं औरों के लिए
क्या ज़रा सा खुद के वास्ते भी हूँ।
तमाम रातें यूँ दफ़्तर में बैठा सोचूँ मैं
मैं क्या हूँ , कहाँ हूँ, किन रास्तों पे हूँ।।-
कुछ नशा था कुछ वफ़ा था
थी कुछ यादें पुरानी।
इक मैं था इक वो थी
थी अपनी भी कहानी।
कहती थी संग तेरे मिलती है खुशियाँ
हैं जो सपने मेरे, वो तेरे संग हैं सजाने।
अब मिलता नहीं मैं उसकी बातों में भी
शायद मिल गए हैं उसे कुछ अपने पुराने।।
अब मिला है जो नया वो ठीक है क्या?
मेरे जैसे लहजे का शरीफ है क्या?
चल माना कि तेरी तारीफ़े करता भी होगा,
पर तेरे लिए मेरे जितना अजीज है क्या?
यूँ गुमसुम सा बैठा मैं सोचा करूँ
अब भी तेरे ग़म में रोना ठीक है क्या??
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है इन्कार नही इस बात से की
अब तेरी यादों के मेले हैं।
पर कैसे कह दूं ,है इश्क़ मुझे
यार अपने भी सौ मसले हैं।-
भुला कर तेरी याद को अब ये सारे गम मिटाये जा रहे है
तेरे दिए हर एक ख़त,हर एक तोहफे मज़बूरी में घर से हटाए जा रहे है।
क्या सुबह और कब हुई ये शाम कहाँ मतलब है अब
जो भी मिलता है अब बस यही सोचता है
यार "बाबा" ये किसकी ज़ुस्तज़ू में जिस्म जलाये जा रहे हो।।
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ढूंढ रही वो नया शक़्स मेरे जैसा
मुझे भूल जाने की आजमाइश है।
हाय ये लड़की पागल है क्या
इसकी यह कैसी ख्वाहिश है।।-
तू अख़्ज बन गया है मेरे सुकूँ-ए-दिल का
नहीं तो इतनी रात गए मैं सो भी सकता हूँ।
मैं जो तुझसे बात नहीं करता तो फ़क़त मसला यही है
टूटा हुआ हूँ मैं तेरे सामने रो भी सकता हूँ।।-
मैं इक बार फिर इश्क़ कहूं तुम हां करो
खुदा करे कुछ ऐसा कमाल हो
हम हो ना सके इक दूजे के
कभी तो हमें इस बात का मलाल हो।
अब मुमकिन नहीं कि हम फिर मिले
माना दरमियाँ हमारे कुछ नहीं
पर अभी भी इक़्तिज़ा यही है
कि सामने तुम रहो और मेरे सारे सवाल हो।।-
झूठी कसमें खाने से, ये आँसू बहाने से
अभी का प्यार तेरा पहला नहीं हो जाएगा
यारों कोई उसे बताओ यूँ छोड़कर नहीं जाते किसी अपने को
मैं बताने पर आ गया तो मसला हो जाएगा।।— % &-
चलो एक नए शिरे से शुरुआत करते हैं
तुम अजनबी बन जाओ हम तुमसे फिर से बात करते हैं
यूँ कब तलक खफ़ा रहेंगे एक दूसरे से हम
कितना अरसा गुजारा है हमने अकेले तनहाइयों में
आज हम इस बात का मलाल करते हैं।
तुमने कहा था कि लापरवाही ले डूबी इस रिश्ते को
चलो अब से एक दूसरे का खयाल करते हैं
ताउम्र मलाल था जिस बात का हमे
मिलकर चलो पूरी वो बात करते हैं
हाँ सही समझ रही हो तुम ये बात मेरी
चलो एक दफ़ा फिर से मुलाकात करते हैं।।-
उसके साथ है दिन भर तेरा
हिस्से मेरे चंद मुलाकातें तेरी
उसके साथ हकीकत हो तुम
हिस्से मेरे बस कहानी तेरी।
उसके हिस्से प्यार तेरा है
मेरे हिस्से बातें तेरी
उसके हिस्से तुम आयी हो
मेरे हिस्से यादें तेरी।।-