Shivam Singh   (शिवम सिंह सेंगर)
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Makkar... Nikkamaa
खुद मे हार के जीत लू उसको
मसरुफ़ खुद मे हू ऐसा परिंदा
Joined 15 January 2018


Makkar... Nikkamaa
खुद मे हार के जीत लू उसको
मसरुफ़ खुद मे हू ऐसा परिंदा
Joined 15 January 2018
17 NOV 2023 AT 18:48

भैरव के डमरू से गुंजित
अक्षर अक्षर ब्रह्म ज्ञान है।
सूत्र चतुर्दश शुद्ध सनातन
जन्म मृत्यु विधि का विधान है।।

सत्यम शिवम् सुंदरम मंडित
पूज्य शिखर कैलाश हमारा।
पारवती माता कल्याणी
तप की बहती पावन धारा।।

देवो का दुख हरने वाले
जग तापो से मुक्ति दिलाते।
शिव समाधि में लीन हुए है
विष पीकर पय सुधा पिलाते।।

सुंदर चिन्मय दिव्य रूप है,
शिव प्रज्ञा की परिभाषा है।
सत्य सदा से प्रिय है उनको
जग की सुंदर अभिलाषा है।।

शीश मुकुट गंगा की धारा
चन्द्र किरण शीतलता देती।
डमरू का जय घोष ब्रह्म है
अशिव वेश भूषा शिव देती।।

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10 FEB 2021 AT 10:45

दरफ़्त हर दरफ़्त,
खटखटाये जा रहे है!
जिन्हे बुलाया नही महफ़िल मे,,
वो अजनबी अब हटाये जा रहे है!!

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6 SEP 2019 AT 1:10

लहजा थोड़ा ठंडा रखे जनाब,
गर्म तो हमे चाय पसंद हैं

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6 SEP 2019 AT 1:05

लेकिन
क्यू कहते हैं
लोग मेरे बारे में

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4 JAN 2019 AT 16:51


#मुझे_घर_जाना_है

छॊडो इन जंजीरो से , किताबो की तकबीरो से
#मुझे घर जाना है

गायो को चारा , खेतो मे पानी लगाना है
बुढ़े पिता का थोडा हाथ बटाना है
#छोडो, मुझे घर जाना है

बहुत दिन हो गये , माँ क हाथ का निवाला खाना है
छोटी बहन को कुछ खिलोने दिलाना है
#छॊडो, मुझे घर जाना है

इस दिवाली घर की कुछ सफ़ाई भी करवाना है
रुखी रुखी दिवारो को फिर से पुतवाना है
जो बिछ्ड गयी थी , खुशिया मेरे आसियाने से
मुझे पकड कर उन्हे वापस उन्ही घर मे लाना है
#छोड़ॊ, मुझे घर जाना है

पुराने किचन की कुछ मरम्मत करवाना है
सूख चुके पौधो को पानी पिलाना है
माँ की गोदी मे कुछ पल बिताना है
उनके हाथ पर पापा के नाम की मेहन्दी लगाना है
#छोडो, मुझे घर जाना है

पुराने दोस्तों से फिर खुद को मिलवाना है
चाय की दुकान पर फिर से वही ठहाके लगाना है
अब कार मे नही , स्कूटी पर कही निकल जाना है
वही पचकानी हरकतो को फिर से दोहराना है
#छॊडो, मुझे घर जाना है

इस बार पापा को साल, माँ को साड़ी दिलाना है
छोटी बहन की फ़रमाइसो की लिस्ट भी पूरी करवाना है
फिर से कही दूर किसी होट्ल में सबके साथ खाना खाने जाना है
#छॊडो, अब छोड़ भी दो
#मुझे घर जाना है

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20 NOV 2018 AT 5:24

Mai badalte jamane ki ek tasweer bana dunga
Mai jarre-jarre ko jodh kare nayi takdeer bana dunga

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19 NOV 2018 AT 19:46

Composers are always a good writer

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19 NOV 2018 AT 18:10

Mujhko bata mera dhar hai kaha, maula
Jogi bana mai firta rawa , maula

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19 NOV 2018 AT 12:42

Unki uulfat ka didar phir se hua hai
Jab mere pate ko unke khat ne chhuwa hai

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19 NOV 2018 AT 0:03

Tuje siddat se jayda mohabbat kar rha tha
Itni mohabbat toh maine uss khuda ke saath bhi nahi ki
Sayad issi baat ka bura maan gya hai vo
Tabhi baar baar muje tujse door karne ki kosis karta hai
Par tu dikkat na le , meri iss ibadat me kabhi khalal nahi padne dunga
Kabhi bhi teri aankho se aanshu nahi jhalakne dunga
Par aitbaar kiya kar meri mohabbat ka
Isme itti si bhi kami nahi

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