#मुझे_घर_जाना_है
छॊडो इन जंजीरो से , किताबो की तकबीरो से
#मुझे घर जाना है
गायो को चारा , खेतो मे पानी लगाना है
बुढ़े पिता का थोडा हाथ बटाना है
#छोडो, मुझे घर जाना है
बहुत दिन हो गये , माँ क हाथ का निवाला खाना है
छोटी बहन को कुछ खिलोने दिलाना है
#छॊडो, मुझे घर जाना है
इस दिवाली घर की कुछ सफ़ाई भी करवाना है
रुखी रुखी दिवारो को फिर से पुतवाना है
जो बिछ्ड गयी थी , खुशिया मेरे आसियाने से
मुझे पकड कर उन्हे वापस उन्ही घर मे लाना है
#छोड़ॊ, मुझे घर जाना है
पुराने किचन की कुछ मरम्मत करवाना है
सूख चुके पौधो को पानी पिलाना है
माँ की गोदी मे कुछ पल बिताना है
उनके हाथ पर पापा के नाम की मेहन्दी लगाना है
#छोडो, मुझे घर जाना है
पुराने दोस्तों से फिर खुद को मिलवाना है
चाय की दुकान पर फिर से वही ठहाके लगाना है
अब कार मे नही , स्कूटी पर कही निकल जाना है
वही पचकानी हरकतो को फिर से दोहराना है
#छॊडो, मुझे घर जाना है
इस बार पापा को साल, माँ को साड़ी दिलाना है
छोटी बहन की फ़रमाइसो की लिस्ट भी पूरी करवाना है
फिर से कही दूर किसी होट्ल में सबके साथ खाना खाने जाना है
#छॊडो, अब छोड़ भी दो
#मुझे घर जाना है
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