Shivam Singh   (शिवम सिंह(रजत))
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बिना देखे हमें आप बेचैन से रहते हो
देख लिया तो जिंदगी से प्यार कर बैठोगे
Joined 14 August 2019


बिना देखे हमें आप बेचैन से रहते हो
देख लिया तो जिंदगी से प्यार कर बैठोगे
Joined 14 August 2019
14 JUN AT 23:53

मुसाफिर वही माना जाएगा अच्छा,
जो पड़ाव नहीं सफर से करे प्यार सच्चा!
थम गया जो राह में वो मुसाफ़िर कैसा,
करने लगे जो खुदाई में सजदा वो काफिर कैसा!!

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24 MAR 2023 AT 14:29

The Day You Will Realize, What Beast You Are, You Won't Need Any Motivation

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7 MAR 2023 AT 19:48

का मुझ पर से अब उतरेगा नहीं,
मेरे दिल में अब तेरे सिवा कोई ठहरेगा नहीं,
तुम लौट कर आओ मेरे करीब
इसकी भी आरज़ू नहीं करते हम,
पर अब बताएंगे नहीं कभी तुमसे
कि अब भी तुम पर मरते हैं हम,
जितना था मेरे हिस्से में मुझे उतना ही मिला है,
पर जो भी मिला, नहीं है मुझे उससे कोई शिकवा गिला
जब हमारे साथ में खुदा की मर्ज़ी न हो,
तो हमारा भी फ़र्ज़ है कि इसमें हमारी खुद गर्जी न हो,
न हो मिलना दुबारा हमारा, यहीं अब मैं अरदास करता हूँ, झूठ है ये कि मैं तुझको भुलाने का प्रयास करता हूँ

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6 MAR 2023 AT 20:44

ये मसला भी बैठ कर सुलझाना पड़ेगा,
क्या थे हम और क्या समझा आपने ये भी बताना पड़ेगा,
अभी वक़्त नहीं है तुमको समझाने का मेरे महबूब,
मजबूरी क्या थी मेरी ये भी जानने तुमको आना पड़ेगा

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6 MAR 2023 AT 20:40

कुछ मर्ज मिटाये नहीं मिटते,
कुछ दर्द छिपाए नहीं छिपते,
अब तो वक़्त गुजरेगा तुझको भुलाने में,
शायद ये जिंदगी भी कम पड़ जाए तेरी यादें मिटाने में

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6 MAR 2023 AT 20:37

छीन कर मासूमियत मेरी
कुछ ख्वाब हमको वक़्त ने थमा दिए,
नादानी तो देखो हमारी छोड़ कर माँ का आँचल,
अनमोल लम्हे हमने गैरों पर गंवा दिए,
खींच लायी थी हमको आजाद होने की चाहत यहाँ,
आजादी तो मिली नहीं उल्टे पंख भी हमने गंवा दिए,
एक अजीब सी चल रही कशमकश दिल दिमाग के बीच,
इसी कशमकश में हमने पुराने यार भी भुला दिए,
जब लगा कि जीत गये हैं हम फिर से हार से सामना हुआ,
देखा ही था खुले आकाश की तरफ कि उनका हाथ थामना हुआ.......

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2 MAR 2023 AT 22:47

खोये खोये से रहते थे हम जब मिला दिया खुदा तूने मुझे उससे ,
जब खुद से मिलना हुआ हमारा तो जुदा कर दिया मुझे उससे,

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2 MAR 2023 AT 21:10

ताबीज बना कर रख लूँ तेरी सदाओं की, दुनिया दीवानी है तेरी इन्हीं अदाओं की,
तेरी मोहब्बत ने मुझे पागल कर दिया,
उससे भी ज्यादा तेरे इंकार ने मुझे घायलकर दिया,
मत इल्ज़ाम लगाना खुद पर कि तू मेरे साथ रह न सका,
अरे तू तो वो मूर्ति है जो दर्द में होने के बाद भी मेरे सामने कह न सका,
किरदार बुरा नहीं था तेरा, मोहब्बत भी तूने भरपूर की थी,
बस उस ऊपर वाले को हमारी मोहब्बत मंजूर न थी,
कभी आए याद मेरी, तो मेरी ग़लतियों को याद कर लेना,
हर बार दिल दुखाया आपका इसका ऐतबार कर लेना,
क़ाबिल ही नहीं था इतना कि तुझे सम्भाल सकता, इसीलिये खुदा ने सोचा कि इस सिरफिरे पर मैं आपकी जिम्मेदारी डाल नहीं सकता,

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18 FEB 2023 AT 16:29

खत्म हो गया किस्सा वो नवाबों का,
टूट गया गया सिलसिला वो ख्वाबों का,
टूट कर न चाहे जो वो प्यार नहीं होता,
हर किसी के साथ ऐसा हर बार नहीं होता,
छोड़ दी बंदगी खुदा की तो क्या उसके बन्दे नहीं रहे हम,
न रहीं किसी से चाहतों की तमन्ना क्योंकि अब पहले जैसे अंधे नहीं रहे हम,
माना कि अब ऐतबार नहीं करते हैं
मतलब ये तो नहीं कि किसी से प्यार नहीं करते हैं,
हाँ समझा लिया है खुद को कि तमन्नाओं का आंचल समेट रखना है,
दिल में कुछ भी हो पर चेहरे पर मुखौटा लपेट रखना है,
हद से ज्यादा किसी की अब आदत नहीं लगाना है,
फिर से अब वो तकिया नहीं भिगाना है,

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18 FEB 2023 AT 16:16

बढ़ता ही जा रहा है दिन पर दिन ये रोग मोहब्बत का,
लगता है जान लेकर ही मानेगा,
कैसे और किस हाल में है हम जिसने इश्क ही नहीं
किया वो कैसे जानेगा,

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