जिंदगी में बस एक आस चाहिए...
बस एक तू मेरे पास चाहिए.....!
इश्क तुझसे हो , ऐसी कृपा कर दे.....
मेरे अधूरे जीवन को अपने साथ से पूरा करदे....!!
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वो कुछ सुनता....
तो मैं कहता.....
मुझे कुछ और कहना था.....
वो पल भर को रुक जाता.....
मुझे कुछ और कहना था......
गलतफहमी ने बातों को बढ़ा डाला यूहीं वर्ना.......
कहा कुछ था......
वो कुछ समझा.....
मुझे कुछ और कहना था.....
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ख्वाब दिल में सजा रही होगी...
वो मुझे ख्वाबों में पा रही होगी.....!
ख्वाब दिल में सजा रही होगी...
वो मुझे ख्वाबों में पा रही होगी.....!!
मैं यहां बकरियां चराता हूँ......
वो भी गोबर उठा रही होगी......!!-
सावन की पुरवइया गायब ..।
पोखर,ताल, तलइया गायब...!
कट गए सारे पेड़ गाँव के..
कोयल और गौरइया गायब...!
कच्चे घर तो पक्के बन गए..
हर घर से अँगनइया गायब...!
सोहर, कजरी, फगुवा भूले..
बिरहा नाच नचइया गायब...!
गुमसुम बैठी है चौपाई
दोहा और सवइया गायब...!
नोट निकलते ए टी एम से....
पैसा, आना, पइया गायब...!
दरवाज़े पर कार खड़ी है...
बैल, भैंस, और गइया गायब...!
सुबह हुई तो चाय की चुस्की..
चना-चबैना, लइया गायब...!
भाभी देख रही हैं रस्ता....
शहर गए थे, भइया गायब...।
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बस कर्म तुम्हारा कल होगा ,
और कर्म अगर सच्चाई है तो ,
कर्म कहां निष्फल होगा ,
हर एक संकट का हल होगा ,
वो आज नहीं तो कल होगा ।
लोहा जितना तपता है ,
उतनी ही ताकत भरता है ,
सोने को जितनी आग लगे ,
वह उतना प्रखर निखरता है ,
हीरे पर जितनी धार लगे ,
वह उतना खूब चमकता है ,
मिट्टी का बर्तन पकता है ,
तब धुन पर खूब खनकता है ,
सूरज जैसा बनना है ,
तो सूरज जितना जालना होगा ,
नदियों सा आदर पाना है ,
तो पर्वत छोड़ निकलना होगा ,
और हम आदम के बेटे हैं ,
क्यों सोचें राह सरल होगा ,
कुछ ज्यादा वक्त लगेगा ,
पर संघर्ष अवश्य सफल होगा ,
हर एक संकट का हल होगा ,
वह आज नहीं तो कल होगा ,
जब कर्म अगर सच्चाई है तो ,
कर्म कहां निष्फल होगा ।।-
हार जायेगा निवेदन जिस दिन ,
द्वन्द आरम्भ वहीं से होगा ।
तुम जहाँ सोंच कर थक जाओगे ,
मेरा प्रारम्भ वहीं से होगा ।।
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मेरी जिन्दगी पल-पल बादल रही है ,
ना जाने किस राह पर चल रही है .....!!
किसी को अच्छा , तो किसी को बुरा लगता हूँ मैं ,
मुझमें कमियाँ और खूबियाँ दोनों निकल रहीं हैं ....!!
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मन को मारो नहीं ,
मन पर अंकुश रखो ,
मन सुधरेगा तो जीवन भी सुधरेगा ।
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मन ही मन को जानता ,
मन की मन से प्रीत ....!
मन ही मनमानी करे ,
मन ही मन का मीत ...!!
मन कांचे मन बांवरा ,
मन की उज्ज्वल रीत ....!
मन के हारे हार है ,
मन के जीते जीत .....!!
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ये तो माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे ,
लेकिन खाक हो जायेंगे हम
तुझको खबर होनें तक .....!!
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