किसी को तुमसे सब कुछ चाहिए,
और किसी को बस तुम 🫵-
बस डर इस बात का लगता है
“JAB WE MET” सी कहानी मे,
Ending “TUM HI HO” जैसी ना हो जाये-
एक वक़्त था ,
जब जादू पर भी यकीन था ...
एक ये वक़्त है ,
हकीकत पे भी शक है ।
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हमारे साथ कभी कोई इत्तेफाक क्यों नही होते
सब कहते है ,
सुबह के सपने सच होते है ।
मेरे ख्वाब क्यों नही होते ?-
मैं उम्मीद का एक शब्द हूं ,
तुम आशा की परिभाषा हो ,
मैं बेसुरा अधूरा सा कोई गीत हूं ,
तुम मीठा सा संगीत हो ,
मेरे मन की प्रीत हो ,
मैं आमावस्या की रात हूं ,
तुम पूर्णिमा की चाँद हो , सारा भ्रमाण्ड हो ,
दो पल का साथ तुम्हारा ,
एक उम्र से भी ज्यादा है ,
यही समाज है , यही बाधा है ,
ना मैं कृष्ण हूं , ना ही तू राधा है ।
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वैसे तो नींद आ रही है बोहोत तेज़ ,
लेकिन इतना request कर रही है तो,
सुनना चाहेंगे तम्हारा दस्तावेज । 🤓-
अब पहले सी वो बरसात नही होती ,
उन दिनों जैसी , अब रात नही होती । 😁-
Log hamari zindagi ka ek panna padh kar ,
Puri kitaab khud hi likh lete hai ,
Kuch isliye bhi nahi karte apna Haal-E-Dil bayan ,
Smjhta koi nahi , Smjhata har koi hai
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