Shivam Nigam   (" अजंभादित्य " शिवम्)
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Joined 14 February 2017


Joined 14 February 2017
11 AUG 2023 AT 21:54

एक बार आ गए समंदर में,
अब कश्तियां भी बना लोगे,
अब तैरना भी सीख लोगे,
तूफान बहुत कुछ सिखा देंगे तुमको,
अब डूबना भी सीख लोगे,
और उठ के उनसे लड़ना भी सीख लोगे।

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5 AUG 2023 AT 3:19

क्या दिन थे वो,
हम भी किसी की धुन में खोए रहते थे,
बिना कुछ खाए पिए,
एकटक देखा करते थे,
जिक्र किसी का भी हो,
खयाल उन्हीं का आता था,
फिक्र भी उन्हीं की थी,
सुकून भी उन्हीं से आता था,
वो ही हमारी बीमारी थे,
इलाज भी उन्हीं से आता था,
क्या दिन थे वो,
जीने का खयाल उन्हीं से आता था,

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1 AUG 2023 AT 20:57

चांद किए बादल का घूंघट,
घट भर जल बरसता बादल,
दल भर कमल खिले मुरझाए,
आए मेंढक मेघ बुलाएं,
लाएं जल घनघोर घटा,
घटा धरा की क्षुधा बुझाए,
आए कीट पतंगे कितने,
तने गिरे पर तृण लहराए,
आए नदी बहा ले जाए,
जाए पर मिट्टी दे जाए,
जाए प्रकृति पुरुष के पीछे,
पीछे मन दिन रैन सुहाए,
आए जब भी रात को बादल,
बादल चंदा की लाज बचाए,

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30 JUL 2023 AT 10:40

और कहां ढूंढने जाऊंगा,
गम के हज़ार अफसाने,
यही अपनी तुम्हारी सुनता हूं,
और समेट कर लिख देता हूं।

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30 JUL 2023 AT 10:25

बरस गए बादल में दम बाकी है,
थोड़ा और गरजेंगे अभी, सितम बाकी है,
थोड़ा और बरसेंगे अभी, थोड़ा गम बाकी है,
थोड़ी बरसात बाकी है,
और देखने को थोड़े हम बाकी हैं।

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20 JUL 2023 AT 22:38

हैं अटल सनातन शिव शम्भू,
आशीष दिया है नदियों पर,
गंगे हों यमुना हों,
या गोदावरी सरस्वती
हों नर्मदा सिंधु या कावेरी,
कर जलाभिषेक शिव शम्भू पर,
दे रहीं स्वयं का शक्ति परिचय,
है खड़ा जगत सब हाथ जोड़ कर,

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20 JUL 2023 AT 22:36

हैं चीत्कार, अनगढ़ प्रलाप,
गिर गए रास्ते झर झर कर,
पर्वत के मैगी के पैकेट,
आ गए सड़क पर बह बह कर,

मानव के शक्ति मुग्ध वाहन,
बह रहे हैं तिनके तिनके पर,
हैं नई नवेली दुनिया जो
बह रही आधुनिक आंसू पर,

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20 JUL 2023 AT 22:33

हैं कितनी प्रखर प्रलय दुर्वर,
बह गए किनारे कट कट कर,
बह गए हैं सारे शोक मुग्ध,
जो खड़े किनारे रो रो कर,

थे बड़े विहंगम शक्तिमान,
बह गए महा सैलाब के दर,
हैं लौह विफल चट्टान विफल,
हैं मृत्यु अमिट मानव तन पर,

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22 JUN 2023 AT 17:46

#मेरे हो के रह पाओगे ना!!
मैं मृत्यु के उस पार मिलता हूं तुम्हें,
तुम साथ आओगे ना ?
गर मैं गुज़र जाऊंगा पहले बेवजह,
तुम ढूंढने आओगे ना ?
इस पार से गर चल पड़ो मेरे बिना,
उस पार रुक पाओगे ना?
मैं प्रेम पर सबकुछ निछावर कर चुका,
कुछ सब्र रख पाओगे ना ?
लाख़ आपने द्वंद्व हों, या हो जिरह,
मेरे हो के रह पाओगे ना ?
हे प्रिय तुम्हें मेरे रक्त कण कण समर्पित,
मेरे हो के रह पाओगे ना ?

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15 JUN 2023 AT 19:17

#दर्द और मृत्यु में चुनना है तो क्या चुनोगे?
दर्द अनेक हैं, मृत्यु एक है,
दर्द साकार है, मृत्यु निराकार,
दर्द मिथ्या भी है, मृत्यु साक्षात यथार्थ,
दर्द का स्वार्थ है, मृत्यु अनायास,
तो चुन लो मृत्यु अगर है दर्द,
ये जगत प्रपंच की पीड़ा व्यर्थ,
पर
दर्द का निवारण है, मृत्यु का नहीं,
दर्द का कारण है, मृत्यु का नहीं,
दर्द के उदाहरण हैं, मृत्यु के नहीं,
दर्द से मुक्ति है, मृत्यु से मुक्त,
तो तुम क्या चुनोगे ? बुद्धिमानों ने दर्द चुना है अब तक

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