Shivam Mishra   (शिवम् मिश्रा)
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Joined 8 December 2022


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Joined 8 December 2022
30 MAR AT 19:21

हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था
व्यक्ति को मैं नहीं जानता था
हताशा को जनता था
इसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया

मैने हाथ बढ़ाया
मेरा हाथ पकड़कर वो खड़ा हुआ
मुझे वह नहीं जानता था
मेरे हाथ बढ़ाने को जनता था

हम दोनों साथ चले
दोनों एकदूसरे को नहीं जानते थे
साथ चलने को जानते थे ।।

- विनोद कुमार शुक्ल
( ज्ञानपीठ पुरस्कार 2025)

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29 MAR AT 20:59

In English we say -----
" I have seen fountain ⛲ in your eyes"
But,
In shayari i express



"पहले ठुकराया फिर अपनी दलील देखी
✨❤️
तब जाके तेरी आंखों में मैने झील देखी"

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2 JAN AT 20:14

अब मेरी नजर में आकर क्या करोगे
बहुत हो चुका दिलाशाओं का खेल अब
अब मुझे यकीं दिला कर क्या करोगे

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27 DEC 2024 AT 18:54

वही
प्रेम पत्र
जिसमें तेरा नाम
वाकी मेरा कुछ नहीं
लिखते जाना जिसे सुबह शाम
वही लगन है और वही आरजू
तुझे बनाना और मिटाना इतना मेरा काम

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25 AUG 2024 AT 11:35

//व्यतिरेक//
(लघु काव्य __भाग१/२)

रीत कहां तक जायज़ है? झंझा मत बोलो त्राण सही
अवशेषों में जो शेष बची; गर बात नहीं तो प्राण सही

पौरुष को मोह नहीं सकती , छल केवल विघ्नों का घेरा
आवाज कही तो जाती है मुझसे ये बोले मन मेरा...

संपूर्ण भाग अनुशीर्षक में!🙏

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19 AUG 2024 AT 8:44

सौजन्य मिलन संबंध सगा आंचल भर लाई है बहना।
राखी से रक्षा देती जो उस प्रेम रीत का क्या कहना!!

एक सूत्र कवच कहलाता है; बंधन स्नेह बढ़ाता है।
जिस डोर से जीवन रक्षा हो ऐसे बंधन में ही रहना!!

स्वसा सहेजे भावों को तुम हृदयाधिकारों को रख दो।
भगिनी के चरणों में माथा रिश्तों का सार यही रखना!!

प्राण दहित उन हाथों से जिस धागे में स्थापित हैं।
सम्मान सजाकर धागे को हाथों का मान सदा रखना!!

अच्युत उन्मुख वो सहोदरा लहुसम वो बहिन तुम्हारी है।
जिस क्षण रक्षा का सूत्र धरे घुटनों पर आकर तुम झुकना!!

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15 AUG 2024 AT 12:19

लहू की साख क्या देखो उजालों सी सजा दी है
वतन के वास्ते दिल में ये लौ अब तो जला दी है
🇮🇳
नमन है उन शहीदों को जो रहते हैं सदा जिंदा
जहां में सबसे प्यारी बस हमे अपनी आजादी है

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4 AUG 2024 AT 14:26

//" बाकी है"//
संपूर्ण रचना अनुशीर्षक में




सजे थाल में रक्खा कुमकुम तिलक लगाना बाकी है
हल्दी के हाथों पर देखो मेंहदी आना बाकी है

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11 JUL 2024 AT 17:28

लगा कर दिल से खंजर को बगावत क्यों नही करती
मेरी यादों को फिर से तुम अकेला क्यों नही करती
💝

वो दिन वो याद और वो तुम नही जाते कलेजे से
बताओ मुझसे पहली सी मोहब्बत क्यों नही करतीं

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8 APR 2024 AT 16:15

'अक्षर' 'शब्द' 'तरीके'
मौन 😔
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कैसे कितने और कौन??

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