shivam mishra   (Shivam mishra)
175 Followers · 22 Following

Instagram| 99_shivam_
Joined 21 October 2018


Instagram| 99_shivam_
Joined 21 October 2018
16 MAY 2022 AT 23:05

जाति धर्म की बाते छोड़ो
सब मिलकर भारत जोड़ो

पूरब से लेकर पश्चिम तक
उत्तर से लेकर दक्षिण तक
नफरत की दीवारें तोड़ो
सब मिलकर भारत जोड़ो

हिंदू मुस्लिम एक है
एक हैं सिक्ख ईसाई
धर्म विरोधी बाते छोड़ो
सब मिलकर भारत जोड़ो

चट्टान की तरह डटे रहो
अपने कर्त्तव्य पर अड़े रहो
वैचारिक विद्वेष को तोड़ो
सब मिलकर भारत जोड़ो
@शिवम मिश्रा

-


11 SEP 2020 AT 13:48

युवा एकता परिषद के थे संस्थापक गुरु ज्ञान
सामाजिक और व्यवहारिक थे नेक दिली इंसान

वयोवृद्घ,बच्चो और मित्रो सबके रहते साथ
सबके प्यारे सबसे न्यारे बेउहर भैया आप

गालियां सभी उदास है , सब जनघट है मौन
एक ही सूरज तारे थे, अब हाल भी पूछे कौन

चहुं दिशाएं उनकी थी और चहुं ओर था नाम
बातो में अंगारे रहते सेवा था पहला काम

विंध्य धारा के कुल गौरव थे हम करते सम्मान
श्रृद्धासुमन अर्पित करते है और बारम्बार प्रणाम

" शिवम मिश्रा "

-


5 SEP 2020 AT 11:18

जो बनाएं हमें इंसान और दे सही गलत की पहचान
देश के उन निर्माताओ को हम करे सत सत प्रणाम

@......mishra











-


4 MAR 2020 AT 8:14

अभी तो कलम की लिखावट से हैरान है
दर्द भरी नज्म को सुन के वाह-वाह बोलेगी
और जो कुछ भी लिखा है उस पर' जाया होने के बाद
वो नही महफिल भी शायर बादशाह बोलेगी

-


22 JAN 2020 AT 20:28

उसका मेरी गजलो में भी एहतराम है
काफिया में मेरा तो रदीफ में उसी का नाम है
रकीब हूँ बहर नही आती मुझे
पेशे से शायर हूँ मेरा शिवम् नाम है

-


3 JAN 2020 AT 13:43

शहर में धुन्ध और कोहरे का कहर है
कहीँ बर्फबारी तो कही शीतलहर है
रैन बसेरा ना कही अलाव का इन्तजाम है
फुटपाथो पर ठिठुर रहे बेचारे इन्सान है

-


3 JAN 2020 AT 11:51

असहाय मायूस से चेहरे पर मुस्कान आई
जब किसी के लिए जर्सी तो किसी के लिए कम्बल आई
फुटपाथ पर ठिठुरती बूढ़ी माँ भी खिलखिला उठी
जब देखी की उसके लिए नये साल में नई 'शाल' आई

-


27 DEC 2019 AT 15:37

अगर तुम कुछ बनना चाहो I
तो एक मर्तबा सब त्याग कर दो ॥
अन्न भी एक मर्तबा मिट्टी में बर्बाद होता है ।
इसके बाद फसल बनकर तैयार होता है ॥

-


16 NOV 2019 AT 20:24

दवा और परेशानियो के दौर से थक,हार कर बैठा हूँ
अब तो आने वाली मौत के इन्तजार में बैठा हूँ

कुछ ख्वाहिसे अधूरी थी अब अधूरी ही रह जायेंगी
कमाई थी दौलत पर वक्त ए-रुक्सत खाली हाथ बैठा हूँ

-


17 OCT 2019 AT 0:06

आती है याद हर पल ।
साँस का बहाना लेकर ॥

आज तो आजा चाँद मेरे छ्त पर ।
चाँद का बहाना लेकर ॥

नजर ना लगे तारो की तुम चाँद जैसी हो ।
काला टीका लगा दुपट्टा रख के आना सर पर ॥

-


Fetching shivam mishra Quotes