shivam katiyar   (Dilwar(s.k))
5 Followers · 6 Following

Not for special one
Joined 24 September 2020


Not for special one
Joined 24 September 2020
8 MAR 2022 AT 18:46

वो दिन ही अधूरा हो जायेगा,
जिस दिन इस श्रृष्टि से औरत का नाम न लिया जायेगा
वो औरत ही एक माँ, एक बहन, एक बीबी है|
उसकी इज्जत, उसका मान और उसका सम्मान उतना ही जरुरी है|
जितना कि राम ने सीता का रखा, कृष्ण ने मीरा का रखा|
अगर ये सब न कर पाओगे, तुम फिर महाभारत को दोहराओगे|
वो ही द्रोपदी, वो ही काली, वो ही दुर्गा और वो ही चामुण्डा है|
वही शिव का त्रिशूल, विष्णु का चक्र और ब्रह्मा का ब्रह्मात्र है|
उसके बिना ये श्रृष्टि, ब्रह्माण्ड सब कुछ अनाथ है|
उसी की जनी ये धरा हैं, उसी के कण कण मे वो व्याप्त है||

-


21 JAN 2022 AT 20:18

Aksar gujar jata hun tang galiyo se
Suna hai tute dil wale rasta ni puchha krte

-


16 JAN 2022 AT 20:04

कुछ सोचता हूँ तो तेरा ख्याल आ जाता है,
कुछ बोलता हूँ तो तेरा नाम आ जाता है,
कब तक छुपा के रखूं दिल की बात को,
तेरी हर अदा पर मुझे प्यार आ जाता है।

-


27 NOV 2021 AT 21:07

तुम रोज इतना क्यो सताती हो, हर एक signal पे प्रिये!
मैं एक भोला सा बालक, तुम traffic ka जाम प्रिये!!
हो जाता हूँ परेशान हैरान ,गाडियों के ping-pong से प्रिये!
गुजारता हूँ इन्ही गलियों से, अब तो पहचान प्रिये!!

-


25 NOV 2021 AT 23:31


आज कल वो चुप रहती है , खुद में ही खुद रहती है !
जान के भी अन्जान रहती है, इबादतें इश्क़ में इस कदर मशरूफ रहती है!

-


1 NOV 2021 AT 13:45


हमको उनसे है वफा की उम्मीद, जो ये नहीं जानते कि गुनाह क्या है...........

-


26 SEP 2021 AT 0:10

आज अपना दर्द सुनाने बैठा हूँ
आज मैं ख़ुद को जलाने बैठा हूँ

समझ नहीं पाया कुछ कैसे मैं
आज मैं ख़ुद को समझाने बैठा हूँ

अरसा पहेले ही बिखर गया था
आज मैं ख़ुद को समेटने बैठा हूँ

कमरा मेरा बिखरा पड़ा हैं
आज मैं ख़ुद को संवारने बैठा हूँ

देखो कैसे कैसे इल्ज़ाम लगे हैं
आज मैं ख़ुद को बचाने बैठा हूँ

-


3 SEP 2021 AT 3:09

हाथों में चाय की प्याली और यादों में आपका ख्याल हो ,
फिर उस ख़ुशनूमा सुबह की क्या ही बात हो।
घुल जाये मोहब्बत मे इस कदर बातें सिर्फ ज्जबात की हो!
जब हो जिक्र इश्क़ का तेरा ही चेहरा, तेरी ही यादें हमेशा साथ हो !!

-


28 AUG 2021 AT 23:49

Jindagi begani si hai koi marhum to lagao,
Mana ki dil to patthar ka hai jra isko bhi sahlao...
Is markaz mein hum sa koi ni hai ki baant sake dard-e-gum.
Ab to nashe ke jaam mein ye dard bhi yun ghul jata jaise ki dariya ko kinara mil jata hai.

-


6 AUG 2021 AT 12:20

Apni jaan ko rooh se juda hote dekha hai
Dariya ko kinaro se juda hote dekha hai
Kaise kah du yaaron ki nhi krti hai wo shaq
Maine to apno ko bhi praye hote dekha hai

-


Fetching shivam katiyar Quotes