Shivam Jaiswal   ($#!√@M)
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Joined 28 March 2018


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Joined 28 March 2018
25 JUL 2023 AT 0:34

कभी सोंचा है क्या करोगे बुढ़ापे में,
जो जवानी बर्बाद करने के बाद आ रहा,
बचपन तो बिता दिया जवानी जीने में,
अब जवानी है तो बचपन याद आ रहा!!!

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9 OCT 2022 AT 13:31

तन-धन खोने से डरता है, मन कहीं ना खोए,
फल की आशा रख अगर, बबूल ना तूने बोए,
साज सजावट भ्रम है अंतर्मन जो सुंदर होए,
देह तो एक दिन जलना है, रख जितना संजोए।।

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27 SEP 2022 AT 20:53

ज्ञान और बहाने कभी भी साथ में मौजूद नहीं रह सकते।

Knowledge and excuses can never co-exist!

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18 OCT 2021 AT 11:58

मुझे तकलीफ नहीं जुदा होने से,
तकलीफ है बस तुझे खोने से,
में दूर भी रह लेता मगर,
मुझे तकलीफ है तेरे रोने से,
जिंदा रहूं या ना रहूं कल,
मुझे डर है सुबह होने से,
और बिछड़ कर भी जो खुश न हो तू,
तो तकलीफ है जिंदा होने से।। ~२

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11 OCT 2021 AT 14:52

पैरों के लिए चादर थी छोटी,
सपने बुन रहे थे मोती,
लांग देता मैं सभी समंदर,
खाई अगर डर की ना होती,
यूं तो खड़ा हूं पर्वत सा मैं,
मन में ज्वाला मुखी समाए,
राख करूं खुद से ही खुद को,
जो धरती में कंपन ना होती,
लांग देता मैं सभी समंदर,
खाई अगर डर की ना होती।।

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6 OCT 2021 AT 9:55

न जाने क्या इरादे थे उसके,
नजरें बेचैन सी रहती थीं,
होठों पर लगे हों ताले जैसे,
बातें अनजान सी रहती थीं,
चल - चल कर पड़े पैरों में छाले,
न जाने कितना बोझ संभाले,
मंजिल का तो पता नहीं,
राहें गुमनाम सी रहती थी ।।

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4 OCT 2021 AT 15:25

उसे लिखने के लिए, मुझे जवाब चाहिए,
दिए जो सारे आंसू, उनका हिसाब चाहिए,
और चन्द पन्नों में ही सिमट गई ये दास्तां,
जाकर कह दो उसे, मुझे पूरी किताब चाहिए।।

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3 OCT 2021 AT 22:53

मैं कितना अहमक था जो ना उसकी किफायत को समझा,
ना शराफत को समझा, ना नज़ाकत को समझा,
और खुले आसमान में तो रौशन था जहां उसका,
मैं बंद दरवाज़ों के पीछे की कयामत ना समझा।।

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16 SEP 2021 AT 23:54

कर मत इनकार तू हंसने से,
कर मत इनकार तू सपने से,
मेहनत की भट्टी में झोंक स्वयं को,
कर मत इनकार तू थकने से,
और जोश बढ़ा कर होश में आ,
कर मत इनकार तू जगने से,
जीवन संग बढ़ता रहे कदम,
कर मत इनकार तू चलने से।। ~२

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7 SEP 2021 AT 1:39

ये घाव जो अंदर ही अंदर सता रहा है, ~२
ये मेरी आने वाली जीत का जश्न मना रहा है,
दर्द तो देता है ये बेहिसाब, क्योंकि, ~२
इरादों में पिघला कर कामयाबी का लोहा बना रहा है।।

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