उन्हें चाहना मेरी आदतों में शामिल है... उनसे जिक्र ना कर पाना मेरी मजबूरियों में शामिल है... खामोशियाँ भी मेरी समझ जाया करो... इजहार-ए-बयां करना क्या जरूरी है...
इजहार है तुमसे... दिल हार बैठे हैं तुम पर... इजहार है तुमसे... तेरी तस्वीरों से शुरू और खत्म मेरा दिन होता है... इजहार है तुमसे... तेरी मुस्कान से दिल मचल-सा जाता है।