किताबों पर ज़रा सी धूल जमने से
अंदर के किरदारों की कहानियाँ नही बदलती मेरे दोस्त…….-
राज़ कुछ भी हो सब है सामने
पढ़ सके जो राज़ चाहिये वो आँखे
Hey!!! My fr... read more
बचपन में जिन आम की गुटलियो के लिए झगड़ते थे…..
अब उन्हें छोड़ दिया करते है…
.
जिस रविवार को सुबह से शाम तक खेलते थे क्रिकेट
अब उस रविवार को सो लिया करते है…
.
ज़माने की ख़्वाहिशों ने उलझन में डाल रखा है मुझे
वरना हम भी बेफ़िक्र हुआ करते थे।
-
एक अजीब सी कश्मकश है इन रातों में अब….
वो पहले वाली नींद नही आती …
करवटों में गुजर जा रही रातें अब ये..
पर कमबख़्त नींद ही नही आती
न कोई महबूब है ना उसकी बातें
पर याद आ रही पुराने महबूब की बातें …..-
बस एक शाम…..
एक सुहानी शाम होगी
जो सिर्फ़ तेरे नाम होगी
मिलेंगे हम संगम के घाट पर
तेरा हाथ होगा मेरे हाथ पर……
जो पल मै अपने ख़्वाबों में देखता था
वो पल उस शाम पूरा होगा
यूँ हर रात जो देखता था तुम्हारी तस्वीरें
उस शाम तुम्हें देख कर वो सिलसिला टूटेगा….
हो तुम जादूगरनी , जब भी मिलने आती हो
वक्त की रफ़्तार दोगुनी कर जाती हो
पर उस शाम ना फ़ोन होगा ना घड़ियाँ होंगी
बस हम तुम होंगे और शाम बढ़िया होगी…
उस शाम में कुछ ख़ास बात होगी
क्यूँकि तुम मेरे साथ होगी
एक चाँद आसमान में होगा
और दूसरा मेरे साथ होगा ….
होंगे सिर्फ़ मै और तुम
और होगी एक शाम॥-
वो दूर है मुझसे पर मेरे लिये ख़ास है…..
मिले नही है हम पर मिलने का अहसास है
जितनी प्यारी वो है उतने ही प्यारे उसके अल्फ़ाज़ है
मेरी ख़ुशी के लिए मेरी नादानियाँ भी उसे बर्दाश्त है
जल्दी बयाँ नही करता पर मेरे लिए वो बहुत ख़ास है…
-
कहती है दिल की नही दिमाग़ की सुना करो
ये इश्क़ मोहब्बत की रज़ाइयाँ कही ओर बुना करो
-
की अनन्य है वो उसके जैसा कोई नही ..
दिल में बस वही है और कोई नही,
चाहता हूँ उसे पर बता पाता नही,
कितना प्यार है दिल में उसके लिए दिखाता नही।
मुझे उसकी ना को हाँ में बदलना है,
उससे छोटी मोटी बातों पर झगड़ना है,
ज़ुल्फ़ों को उसके चेहरे से समेटना है मुझको,
प्यार से जो देखे वो आइना बनना है मुझको,
ये मोहब्बत है या कुछ और मुझे मालूम नही,
पर जो भी है उससे करना है मुझको।-
लहरो से डरा नही करते,
दोस्ती हो या प्यार हम दगा नही करते।
अगर भरोसा ना हो मेरी बात पर
तो ऐ दोस्त,
निकाल बंदूक़ और दाग दे गोली,
क्यूँकि हम मौत से डरा नही करते।-