Shivam Dwivedi   (Shivam Dwivedi)
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मेरे अल्फ़ाज़,कुछ जज़्बात तो कुछ जिंदगी
Joined 16 June 2017


मेरे अल्फ़ाज़,कुछ जज़्बात तो कुछ जिंदगी
Joined 16 June 2017
25 JAN 2023 AT 14:14

This world is all about money,
You go out and tell people "I am a good person" and they will ask "do you have money?" And if your answer is yes then they say "indeed you are a good person" but if your answer is no then the same people will say "first go and earn some money".
On the contrary if you are rich and have done just one good deed then the whole world will sing praises to you.
Whether a person is good or not has nothing to do with the values, it is always about money and in future it will remain the same.— % &

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17 OCT 2022 AT 22:44

ऐ रात आज तू थम जा ज़रा,
आज मेरा चाँद मुझसे मिलने आया है।— % &

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25 SEP 2022 AT 13:29

बीता हुआ कल याद है,
आने वाला कल उम्मीद है,
पर जो आज है वही जीवन है।— % &

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12 SEP 2022 AT 1:10

उन्होंने सुनना छोड़ दिया तो मैने कहना छोड़ दिया,
उन्होंने समझना छोड़ दिया तो मैने समझाना छोड़ दिया,
उन्होंने पढ़ना छोड़ दिया तो मैने लिखना छोड़ दिया,
उन्होंने रस्ता बदल लिया तो मैने चलना छोड़ दिया,
उन्होंने गुस्सा करना छोड़ दिया तो मैने मनाना छोड़ दिया,
उन्होंने साथ देने की उम्मीद छोड़ दी तो मैने कोशिश करना ही छोड़ दिया।— % &

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15 AUG 2022 AT 1:03

There are 193 countries in the world but there's none like you,
The Variety of food, people, culture which are there in you is unmatchable in this world,
You are the world's largest democracy where no one is ever suppressed,
I am proud of you and proud of myself for being an Indian.
I love you India❤️— % &

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10 JUL 2022 AT 0:33

ज़िंदगी में सबसे ज्यादा जरूरी है खुद खुश रहना,
और वो ख़ुशी हमें अपने अंदर ढूंढनी चाहिए
ना की कहीं और किसी और में ।— % &

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1 JUN 2022 AT 1:40

इस दुनियाँ में बहुत लोग हमे भाते हैं,
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं
जो दिल में घर कर लेते हैं।
ऐसे लोग जब इस दुनियाँ को छोड़कर जाते हैं,
अपने साथ हमारा भी एक हिस्सा ले जाते हैं
और पीछे छोड़ जाते हैं अपनी यादें और एक खाली घर।— % &

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10 MAY 2022 AT 0:35

लोग तो बदलते रहते हैं वक्त के साथ,
और हमें सिखाया भी तो यही गया है
कि बदलाव प्रकृति का नियम है।
तो हमें क्यों फर्क पड़ता है किसी के बदल जाने से ?
क्या बदलना किसी की प्रवृत्ति नहीं हो सकती ?
या हम बदलाव को स्वीकार करना नहीं चाहते ?
इन सभी बातों पर हमें सोचने की जरूरत है,
पर सोचने से ज्यादा बदलाव को स्वीकार करने की जरूरत है।— % &

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7 MAY 2022 AT 4:49

क्या बताऊँ तुझे
मुझे तू कितना याद आता हैं,
बस इतना समझ ले...
रात के अंधेरे में मै होता हूँ
और मेरे साथ बस तेरी याद होती है।— % &

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28 APR 2022 AT 0:49

कुछ लोग दूसरों की इज्ज़त उछाल देते हैं
वाह-वाही बटोरने में,
और खुद खच्चर की तरह घूमते है
घोड़ों के बाज़ार में।— % &

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