ये सर्द रात, ये आवारगी, ये नींद का बोझ...हम अपने शहर मे होते तो घर गए होते...।... उम्मीद फ़ाज़ली -
ये सर्द रात, ये आवारगी, ये नींद का बोझ...हम अपने शहर मे होते तो घर गए होते...।... उम्मीद फ़ाज़ली
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