मुहब्बत ने तेरी दीवाना इस कदर कर दिया,
दिल अपना चीर के तेरे हाथ पे धार दिया।
हम तो सिर्फ तेरी चाहत करते रहे गए,
तेरी मांग में सिंदूर कोई और भर गया।-
बड़े शोंक से एक ख्वाब हमने सजाया था,
अपना मासूम दिल मासूमियत से लगाया था।
पर वक्त का सितम कुछ इस कदर ढह गया,
मुहब्बत भी मुक्कम्मल ना हुई,और
ख्वाब भी अधूरा रह गया।-
ये जो लोग टूटे और खामोश होते है ना,
ऐसे ही नही कोई उदास होना चाहता,
इन लोगो की मासूमियत का गला घोंट दिया होता है।-
इतने में ही ना हिम्मत हार,
हर काम कर सकता है तू।
अपने अंदर के खालीपन को,
फिर से भर सकता है तू।
कमजोर ना होने देना हौंसला अपना,
तेरा कद ऊँचा नही तो क्या,
ऊंची उड़ान भर सकता है तू।।-
कभी तो साथ बैठ मेरे,कभी तो मेरा साथ दे।
मैं तुझे रोज़ याद करता हूँ,तू भी कभी आवाज़ दे।।-
मेरा दिल कहाँ खो गया।
ऐसा कभी न हुआ था,
जो तुझसे मिलने से हो गया।
सोचा था कभी दिल न देंगे किसी को,
पर तुझे देखा और मुझे प्यार हो गया।-
था,
जब तुमसे बात नही होती थी।
कुछ भी अब अच्छा नही लगता,
जब तुम्हारी याद आती है।
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