वो जो कहते हैं, जाओगे छोड़ के,
तो जरा बतलाकर कर जाना,
सच्चा नहीं तो , झूठ ही सही,
कोई एक सबब समझाना।
जरा उनको भी तो, ये समझाओ,
इतनी आसानी से यू न भुलाओ।
ये बाते आती हमको कभी रास नहीं,
दूर वो होते है, जो कभी पास नहीं,
वैसे तो अपनी कोई आस नहीं।
शायद हम बने कभी वो ख़ास नहीं।-
ना जाती या 'चौधर', न बदलता यू 'जाट'।।
तेरे खफ़गी का डर, मुझे खुद खुलने नहीं देता,
तेरे खोने का डर, मुझे कभी पाने नहीं देता,
तेरे सादगी का डर, मुझे राग रगने नहीं देता,
तेरे कोप का डर, मुझे कभी समझने नहीं देता।
तेरे मौजूदगी का डर, मुझे रात सोने नहीं देता,
तेरे लफ्जों का डर, मुझे कुछ सुनने नहीं देता,
तेरे उदासी का डर, मुझे खुद बोलने नहीं देता,
तेरे एहसास का डर, मुझे कभी संभालने नहीं देता।
तेरे रुकने का डर, मुझे आगे चलने नहीं देता,
तेरे जाने का डर, मुझे खुद जलने नहीं देता,
तेरे प्रेम का डर, मुझे कभी रोने नहीं देता,
तेरे अश्कों का डर, मुझे कभी मरने नही देता।
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पंच वर्ष पहले, एक परिंदा था निराश,
पता नहीं परिंदे को, किस प्रकार की तलाश।
रुकता उड़ता बैठ गया, एक डाल पर,
जो नहीं मिलती थी, उसे आस पास।
डाल पर बैठ, वो सोचने लगा,
सोच सोच से, वो लड़ने लगा,
लड़ते लड़ते कब, वो समझ गया,
समझ गया वो, की अटक गया।
अटका बैठा, वो डाल पे,
समझे कैसे, जो मान ले,
मानता वो, पर मन नहीं,
सोचता रहा, की टाल ले।
टाल टाल में माना उसने,
डाल नहीं ये जाना उसने,
पास नहीं जो,अपना कैसे,
बिना जाने भी माना उसने।
पंछी बैठा डाल पे,
ये घोंसला कैसा बन गया,
पेड़ अपना समझाने लगा,
ये हौसला कैसे मिल गया।
बिना सफ़र के,रास्ता कैसा मिल गया,
बिना मांगे ये,फरिश्ता जैसा मिल गया,
न कोई भेद मिले, न कोई मेल मिले,
कैसे पंछी डाल का रिश्ता, "मित्र" जैसा बन गया।
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5 फीट की तू लेहरी height,
बोलने मे तू बिन डोर की kite।
दिखने में तो नही लगते हो tight,
कैसे करते हो तुम इस दिल को bite।
क्यों करती है तू इतना fight,
जब हमेशा तुम ही रहते हो right।
सदा positive रहे तेरी sight,
life रहे जैसी full moon night।
तेरा future हो इतना bright,
जैसे sun देता है सबको light ।-
खुशियों से भरा रहे, आंगन तुम्हारा,
मुबारक हो तुम्हे, सभी फूल बगीचे बहारें।
गुलशन सा खिला हो, मुख तुम्हारा,
जुल्फे ये तुम्हारी, बहती फिज़ा सावरे।
आज से खूबसूरत हो, हर कल तुम्हरा,
राह चलो जो तुम , सारा जग निहारे।
सुखी सफल जीवन की करते दुआ रे,
जन्मदिन मुबारक हो , प्यारे मित्र हमारे।-
खुला आसमां हों मुकद्दार जिसका, मुकद्दर में मोहब्बत मिले तो कैसे !
मुकाम "मोहब्बत" कितनी क्यों न हो, पंछी पर परिंदा बने तो कैसे।-
एक अनजान लड़की आती हैं,
दो दिल दिमाग में घुस जाती है,
तीन कहानी बनाती हैं,
चार साल बीत जाती हैं।
पांच प्यारी बातें उसकी,
छः मूड में सुनाती है,
सात साथ की कसमें देती,
अठवे पर रूठ जाती है।
नो न कहना आदत उसकी,
दस मुझपे वस चलती है,
सो तरह का सोना उसका,
हजारों सपने दिखाती हैं।
लाख लाख खुशी मिले रे तुझको,
मेरे मन में यही दुआ आती हैं,
करोड़ों लोगों मे ऐसे ही नही,
कोई "मित्र" बन पाती हैं।
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जब घड़ी की सुई २:५५ पर आई ,
एक नन्नी सी किलकारी दी सुनाई।
चारों तरफ़ खुशियां ही खुशियां छाई,
मानो भादो में ही दिवाली मनाई।
जैसे कोई स्वर्ग की "परी" ,
इस में ज़मी पर हो आई।
२० se २१ होने की तुमको, खिलानी है मिठाई,
"मित्र" जन्मदिन की आपको बहुत बहुत बधाई।
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दुआ करते है, आप जियो हजारों साल,
जीतना भी जियो, जियो तुम खुशहाल l
वैसे तो काफ़ी मस्त, रहते हो आप फिलहाल,
फिर भी हंसते हुए मोटे हो जाए तुम्हारे दोनो गाल।
जब गुस्से से हो जाओ, आप कभी भी लाल,
तो भी हमारा रख लेना, तुम थोड़ा सा ख्याल।
जिंदगी में आगे ही बढ़ते रहो आप हर हाल,
तन मन धन से सदा रहो तुम मालामाल।
Happy happy birthday to you "mitr "-
बंजर इक ज़मीं, बूंद बूंद की कमी,
रूखा सूखा एक सा, रात दिन एक सा,
न बहती कोई नदी, न चलती कोई नली,
प्यासा रहता रेत सा ,खाली पड़ा एक सा।
दूर कहीं से बादल चले, बंजर जमीं पर ठहर गए,
बदला मौसम चली हवा, चमकी बिजली घनी घटा।
बारिश बन बादल बरसे,
भीगी भूमि भर भरके।
तपा तार तरको तरसे।
जग जगाए ज़मी जमके।
बादल बदल रहा ज़मी, ज़मी को दे रहा वो नमी,
ज़मी का जब कोई नहीं, बादल जाना उसकी कमी।
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