वही शाम वही सुबह मेरी जगह मैं तुम्हारी जगह तुम एक लंबा सफर और खाली से हम पर ये खाली होना बिल्कुल बुरा नहीं है न सफर का और न ही तुम्हारा क्योंकि यही पसंदीदा सफर है ।
मुझे खो जाना था अपनी बनाई दुनिया में तुम्हारे साथ और बो शख़्स जिसे मैंने बनाया था तुम्हें वो हो जाना था पहला सपर्श आँखों का होना था और शव्दों ने भी साथ देना था सांसो में सांस का घुलना था और चुप हो जाना था उस स्पर्श में तर्क वितर्क की मृत्यु हो जानि थी और निश्चित ही नया जन्म हो जाना था ।
When circumstances change When the possibilities will flourish When we want to fly When the boundaries are broken When there are endless journeys from north to south When you can think as much as the sky When you will be your own creator When you break your assumptions When you allow yourself to join everyone And when you find yourself immersed in love .
मैं अपने रास्ते पर लौट आई कुछ पुराना सा दिखा स्मृतियों कि तरह पता नहीं क्या था बस था जो था वो दिखा कुछ ग़ैर जरूरी चीजों की तरह पड़ा था किसी कोने में पलंग कि तरह शायद मेरी तरह वही चेहरा वही आंखे वही ग़ुरूर वही सब कुछ पर अंदर कि सब चीखें शांत पड़ी थी मृत्य की तरह एक चीख ने दवी आवज़ में पूछा कहां थी तुम अब क्यों लौटी हो इस से पहले कि कुछ कह पाती उस चीख़ ने भी दम तोड़ दिया अब सब शांत सन्नाटे कि तरह अब घड़ी की टिक टिक भी बहुत बड़ी घटना है।