ये कैसी ये माचिस की तीलियाँ हैं,
कुछ ने चिराग जलाए, तो कुछ ने घर जलाए,
ज़िंदगी केवल ना जीने का बहाना,
ज़िंदगी केवल ना साँसों का खज़ाना,
ज़िंदगी सिंदूर है पूरब दिशा का,
ज़िंदगी का काम है सूरज उगाना,
रौशनी दीजिए, अँधियारा नहीं...✍🏻🍁-
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अपने विचारों को वश में रखो
क्यूँकि यही तुम्हारी वाणी बनेंगे,
अपनी वाणी को वश में रखो
क्यूँकि यही तुम्हारा कर्म बनेगी,
अपने कर्मों को वश में रखो
क्यूँकि यही तुम्हारी आदत बनेंगे,
अपनी आदतों को वश में रखो
क्यूँकि यही तुम्हारा चरित्र बनेगी,
और अपने चरित्र को वश में रखो
क्यूँकि इसी से तुम्हारा भाग्य बनेगा..!!✍🏻🍁-
एक दिन
इजाज़त मिली सबको
अपना प्रिय चुनने की
सूरज ने रौशनी चुनी,
चाँद,..तारों के साथ हो लिया,
नदियाँ,..सागर से जा मिलीं,
हवा,..खुशबू के पीछे भाग गई,
बरखा ने बादल को गले लगाया,
और प्रेम...
प्रेम ने थाम ली
प्रतीक्षा की कलाई..!!✍🏻🍁-
दिन भर गए हैं...अब चाँद तुम्हारे,
हुस्न की गलियों में... तुम्हारी ही टक्कर का
आज आएगा कोई..!!✍🏻🍁-
इच्छाओं का संघर्ष ये प्रकट करता है
कि जीवन व्यवस्थित होना चाहता है..✍🏻🍁-
अच्छा किसी को पता है…
गलतियों पर डालने वाला पर्दा कहाँ मिलता है और कपड़ा कितना लगता है?
एक बात बताओ धोखा खाने के बाद पानी पी सकते हैं या नहीं?
अगर किसी से चिकनी चुपड़ी बात करनी हो तो कौन-सा घी सही रहेगा?
किसी को पता है पाप को हमेशा घड़े में ही क्यों भरते हैं, ठंडा रहता है क्या?
ये दिल पर रखने वाला पत्थर कहाँ मिलता है भई और कितने किलो का होता है?
किसी के ज़ख़्मों पर नमक छिड़कना हो तो कौन-सा सही रहेगा टाटा का या पतंजलि का?
कोई मुझे बताएगा जो लोग कहीं के नहीं रहते वो आख़िर रहते कहाँ हैं?
सब लोग इज़्ज़त की रोटी कमाना चाहते हैं कोई इज़्ज़त की सब्ज़ी क्यों नहीं कमाता?
भाड़ में जाने के लिए ऑटो ठीक रहेगा या रिक्शा?
और एक आख़िरी बात पूछनी थी ये जो इज़्ज़त का सवाल होता है ये कितने नंबर का होता है?-
ये दुनिया नफ़रतों की आखिरी स्टेज पर है,
इलाज इसका मोहब्बत के सिवाय कुछ भी नहीं..!✍🏻🍁-
समय की धारा में उम्र बह जानी है,
जो घड़ी जी लेंगे वही रह जानी है...✍🏻🍁-
जल से पतला कौन है?
कौन भूमि से भारी?
कौन अग्नि से तेज़ है?
कौन काजल से काली?
...
जल से पतला ज्ञान है,
और पाप भूमि से भारी,
क्रोध अग्नि से तेज़ है,
और कलंक काजल से काली..✍🏻🍁-