और जब... जनाज़ा उठने लगता है
मुर्दा को मोहब्बत करने वाले दिखने लगते हैं
कतारें लगने लगती हैं उनकी
जिन्हें खबर लिए बरसों बीत गए हो
भूल गए हो नाम पता तक भी जो
जिंदा से मिलने का वक्त ना था जिनके पास
मुर्दा को दुहाई देने लगते हैं वो... वफ़ा की
और इस तरह
कुछ लम्हों के लिए ही सही
इंसान के मरते ही
उसे प्यार करने वाले
पैदा हो जाते हैं...!!
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अब इस मुसाफ़िर को मंज़िल पाने की जल्दी ना रही
राह के पत्थर हटाता चलता ... read more
सूनी पत्थराई आँखों से
बेहतर होती है वो आँखें
जो रो देती है
ठीक
उसी
तरह
जैसे
खामोश लोगों से
बेहतर होते हैं वो लोग
जो चिल्ला देते हैं
दबी हुई भावनाएँ
अंदर बहुत शोर करती है...!!-
कुछ इस तरह हम खुद से बिछड़ते चले गए
जो मिला उसके रंग में रंगते चले गए
जब खो दिया खुद को पूरी तरह
टूटकर बिखरने लगे
जो कहते थे कि किस्मत हो तुम हमारी
वही हमें पागल समझ दरकिनार करने लगे-
जिंदगी में ऐसी कितनी रातें आती हैं
जब जी चाहता है
की ये आँखे बंद हो
और बंद ही रह जाए
सवेरे की रोशनी कभी देखें ही नहीं
इस रात की सुबह कभी हो ही नहीं
मगर किसी कोने में
जगी रहती है एक उम्मीद
उम्मीद... खुद से
खुद को पाने की
खुद को जीतने की
खुद को चाहने की
उम्मीद उस सवेरे की
जब जिंदगी जिंदगी लगेगी
मौत नहीं-
जो कह नहीं सके आजतक किसी से
जो बयाँ हुए बिना ही रह गया
कह दो इस खुले आसमाँ से
ये सब सुनता है...
जो आँसू बहने से रुक गए हमेशा
जो गला रुंधा ही रह गया
रो लो इसके साथ मिलकर
इसकी बारिश में आँसू धुल जाते हैं ...
जो हँसी दबी रह गयी अंदर
जो मुस्कान फीकी पड़ गयी अब
मुस्कराओ ज़रा इसकी तरफ देखकर
ये भी मुस्कुराता नज़र आता है...
जो गुजर चुके हैं दिन
जो बीत चुके हैं पल
उड़ा दो हवा में उन्हें
सब जाकर इसमे मिल जाता है...
जो पल है ये अब
जी लो इसे जी भर
एक पल गुजर गया तो
फिर ना दुबारा आता है....
- 09/04/2021
- 1:29 pm-