पहाड़ो में बढ़ी भीड़ आई हैं,
शहर में गर्मी जो बढ़ गयी हैं!-
शिव राज श्रेष्ठ
(तुम्हारा साथ ♥)
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Nature Shreshtha
Pure Vegetarian 🇮🇳 🇳🇵
आप से सीखा जीना और लिखना हमनें !
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Joined 2 July 2019
4 FEB 2024 AT 23:08
क्या सोचते रहते हो,
जब भी मुझे देखते हो? उसने पूछा,
मैंने कहा : एक पल तेरे साथ ❤️-
31 JAN 2024 AT 11:25
यूं रुका था, उसे देखने को 🌝
फ़िर रुका रह गया तुझे देखते - देखते!-
31 JAN 2024 AT 11:23
यूं रुका था, तूझे देखने को 🌝
फ़िर रुका रह गया तुझे देखते-देखते!-
3 DEC 2023 AT 20:31
वो किताब है या गुलाब है,
या किताब मे रखी गुलाब है
पर लगती पानी पानी सी,
बिन पिए चढ़ जाये ऐसी शराब है !-
12 MAY 2023 AT 15:53
बहुत मुश्किल होता हैं दिल की बात बताना किसी को,
मुश्किल और होता हैं भूल पाना उसी को!
बताउ या छुपाउ कश्मकश यही हैं...-
12 MAY 2023 AT 15:38
उन्हें सब मिला भी तो क्या मिला?
जब हम उनके महफ़िलो का हिस्सा नहीं!-
12 MAY 2023 AT 15:37
उन्हें सब मिला भी तो क्या मिला?
जब हमारे महफ़िलो का वो हिस्सा नहीं!-