"कर बिनु कर्म करे विधि नाना"
अर्थात
कर्ता यानि वह जो हम सब का भाग्य विधाता है वह बिना हाथ का है, फिर भी संसार के हर अच्छे बुरे कर्म और फल उसके द्वारा किये जाते है।।
गणतंत्र में वही कर्ता रूप मतदाता होता है जो उँगलियों के एक इसारे से देश और प्रदेश के कर्ता धर्ता के भाग्य का लेखन मौन होकर करता है।।-
9 DEC 2018 AT 18:11