SHIV KUMAR   (मै,मेरे जज़्बात,मेरी बात)
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A Ph.D. Scholar, a one-sided lover poet
Joined 2 August 2019


A Ph.D. Scholar, a one-sided lover poet
Joined 2 August 2019
19 APR AT 0:06

हाथों में चूड़ियां, कानों में झूमके ओर माथे पे बिंदी काली लगाने लगी हो.....
सुना है कि अकेले में किसी को सोच के पागलों की तरह तुम मुस्कुराने लगी हो....
होकर तैयार तुम शीशे के सामने खुद पे इतराने लगी हो, 
कही ऐसा तो नहीं कि तुम किसी को चुपके चुपके चाहने लगी हो....

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3 MAR AT 22:35

कमबख्त बड़ी मुश्किल से समझाया था दिल को अपने,
तेरी एक तस्वीर फिर मुझे खुद से मुदासिर कर गई...

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10 FEB AT 1:47

कमबख्त तेरा चेहरा मेरी आंखो के सामने से नही जाता,
लाख कोशिश करके देख ली मगर एक तेरा ही चेहरा हैं जो मुझसे भुला नही जाता...

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28 JAN AT 23:53

एक सफ़र पर मैं हर रोज निकलता हूं,
गम ये अलग हैं कि मैं खुद से नहीं मिल पाता ....

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13 JAN AT 19:04

बेपनाह इश्क है तुमसे, 
पर गम है कि तुम्हें बता नहीं सकते...
दिल तो करता है मिलु तुमसे, 
मगर ये गम अलग है कि तुम्हें गले लगा नहीं सकते...

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17 DEC 2023 AT 18:28

टटोल लेना कभी फुर्सत में मेरे लिखें को,
शायद तुम्हें थोड़ी सी अपनी झलक मिल जाए...

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3 DEC 2023 AT 22:44

कभी तो आकर बैठ रूबरू मेरे,
मैं कब तलक तेरी एक तस्वीर से गुजारा करू...

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2 DEC 2023 AT 18:36

मैं लिखता रहा दर बदर ताउम्र तुझे पन्नो पर,
ओर कोई आया एक दिन जो तुझे मुझसे मुदासिर कर गया...

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30 NOV 2023 AT 19:31

समर्पित तुम को,
समर्पण तुम पे...
अनंत प्रेम तुम से,
अंततः अब तुम पे...

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16 NOV 2023 AT 23:01

अक्सर दूर से हसीन दिखते है नजारे,
जरा पास जाके देखो तो दिखती है सिर्फ दरारें...

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