Shiromani Jain  
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Joined 23 August 2024


Joined 23 August 2024
AN HOUR AGO

वो कविता ही क्या जो,
बन्धन को स्वीकार करें!
🧡🧡

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AN HOUR AGO

यादें सताती है जब तेरी फ़िर नींद नही आती!
कितना सोचा पलकें मूंदूं दिल से बात नही जाती!!

जैसे ही तन्हाई होती झट से तुम आ जाती हो!
विचार श्रृंखला फ़िर न टूटती ख़्वाबों में छा जाती हो!!

आँखों से आसूँ टप टप गिरते हिड़की भर कर आती है!
बांध सब्र का टूट जाता फ़िर दिल रोके से न रुकता है!!

तेरा ज़िक्र जब भी होता दिल मायूस हो जाता मेरा!
क्या करें ये बेचारा चुपचाप खामोश हो जाता!!

सावन की रिमझिम या जाड़े की ठिठुरती रात हो!
तेरे सपने मेरे साजन ये आँखें हरदम देखती रहती!!

रह कर नजरों से दूर तू, इस दिल के फ़िर भी पास है!
तेरी यादें तेरी बातें शिरोमणि महक उनकी साथ है!!

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13 HOURS AGO

कोरा काग़ज़ team 02 Like कमेंट my post 🥰

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13 HOURS AGO

जैसे दुःख गिने नही जाते!
ठीक वैसे ही तारें भी गिने नही जाते!!
रिश्ते नाते खुद चुने नही जाते!
हर लम्हा हर पल मर मर कर जीए,
हम उसकी याद में सनम,,,,,
मगर फ़िर भी,,,,,,
कुछ दर्द भुलाए नही जाते!!
पीना पड़ता है हर ग़म लेकिन,
फ़िर पीए नही जाते!
होते हैं कुछ ज़ख्म गहरे दिल में,
जो किसी को भी दिखाए नही जाते!!
उतार चढ़ाव तो आते हैं जीवन में,
कुछ राज़ जिन्दगी के बताए नही जाते!
शिरोमणि कुछ दर्द गहरे इतने होते हैं,
छिपाने पर भी छिपाए नही जाते!!

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14 HOURS AGO

हुआ कुछ यूँ कि हमें मंज़िल मिलते मिलते रह गई!
ख्वाहिशो की सारी इमारत एक पल में ढह गई !!

झोंका हवा का ऐसा आया नींव सारी हिला गया!
सारी खुशियों को मेरी वो एक ही पल में खा गया!!

चकनाचूर सब हो गए वे सपने हसीन जीवन के!
हो गई मुश्किल डगर बिखर गए रंग जीवन के!!

इन्हीं वादियों में था बसेरा ज़िंदगी खुशहाल थी!
खोद डाले सब पहाड़ पर्वत सुन्दरता बेमिसाल थी!!

हर तरफ़ हरी भरी वसुधा झरने नदियां बर्फ़ की सौगात थी!
शिरोमणि सब मिटा दिया अब इन्सानों की सोच ने!!

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17 HOURS AGO

टूटे दिल टूटे रिश्ते टूटे ख़्वाब!
सब कुछ बिखर गया मेरा!!
जो भी जोड़ा था मैने वो!
कुछ न रहा अपना मेरा!

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17 HOURS AGO

जनम मरण के चक्कर से, यदि तुम्हें है बचना!
वीर प्रभु की शरण में, अपना जीवन यापन करना!
चारों गतियों के ये दुःख अति भारी, बार बार न इनमें पड़ना!

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22 HOURS AGO

💔ज़ख़्म 💔
अपने जख्मों को सी लिया हमने,
उनपे हल्की सी कढ़ाई भी की है!
ना कोई जान सके,ये सजावट क्यूँ है,
बड़े सलीके से उनको छिपाया हमने!!

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22 HOURS AGO

कभी लगती अपनी कभी ये पराई!
ये बनाने वाले की ठगी तो नही है!!
ये दुनिया किसी........


कभी मुस्कुराती कभी इठलाती!
इसकी आँखों में कोई शरारत भरी है!!
ये दुनिया किसी...
करती है तारीफ़ सामने ये सबके!
पीठ पीछे बुराई करने से थकती नही है!!
ये दुनिया किसी..........
ज़ालिम ये दुनिया चलाती है ख़ंजर!
ज़रा भी हिचकती शरमाती नही है !!
ये दुनिया किसी........
करती है दिखावा मिलाकर कन्धा!
*शिरोमणि* ये किसी की सहेली नही है!!
ये दुनिया किसी........

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22 HOURS AGO

तेरे इन प्यारे हाथों में पत्थर भी हीरा लगते हैं!
तेरे साथ ज़िन्दगी के हर पल महकने लगते हैं!!

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