मंजिल भी बस वही तक हो जहां तक तेरे सफर का इरादा हैं,
मेरे झुमके की आवाज़ इन वादियों में गूंजे और इन सादगी को पहचान बनाना हैं,
वो प्रेम ही कहां जहां शरारत ना हो,
अंगूठी पहनाना ही तो मंजिल तक का वादा हैं,
नंगे पांव भी चल लूं तेरी खातिर मैं,
बस यूंही जीवन भर साथ चलने का वादा हैं।-
Shipu Kumari
(Shipu (Satakshi)✍︎)
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Banarasi💕
["अपने बारे में क्या बताऊं दोस्तो
जो आप समझो तो जज़्बात हूं मैं,
जो गर ना समझो तो ... read more
["अपने बारे में क्या बताऊं दोस्तो
जो आप समझो तो जज़्बात हूं मैं,
जो गर ना समझो तो ... read more
Joined 12 May 2020
15 JAN AT 15:19
18 JUL 2024 AT 22:35
आसान नहीं होता यूं अपनों से बिछड़ पाना,
और उनसे दूर रह पाना,
एक मौत देखनी पड़ती हैं मौत से पहले!
आसान नहीं होता यूं खुद से रूठ जाना,
और खुद को ही मनाना,
खुद को ढालना पड़ता है शाम ढलने से पहले!
आसान नहीं होता अपनी मंजिल पाना,
और सफल हो जाना,
खुद से जंग लड़नी पड़ती हैं हर जंग से पहले!-
18 JUL 2024 AT 12:54
कभी दिल के खयालात लिखती हूं,
तो कभी बीते हालात लिखती हूं,
जब नम हो अक्ष मेरा,
तो हाल-ए-जज़्बात लिखती हूं।
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2 JUN 2024 AT 0:11
उनका मिलना और बिछड़ना भी कितना अजीब था,
उन्हे इस बात का अफसोस तक नहीं हुआ।।-
1 MAR 2024 AT 7:19
दूरियों का हिसाब मत कर मेरे यार,
क्योंकि दूर होकर भी मैंने सिर्फ तुझी को चाहा है।
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28 FEB 2024 AT 23:46
मन में बैठा कर रावण लिए राम की आस।
इस जीवन में छाया है घनघोर तिमिर,
मिलत नाही है उजियारे को पहचान।
बूंद बूंद करके घड़ा भरत है
तू भी भर अपनी उड़ान।
जो कर्म है तेरा तू वो ही कर,
मत भूल तेरे अपनो की सम्मान।-