जिन्हें मिलना था, उन्हें मिल ही जाना चाहिए।
न मिलने पर , जो मिलता है ,उनका मिलना देर सबेर बहुत खलता हैं ।-
प्रेम अगर लिखने बैठूं ,
तो तुमको मैं संपूर्ण लिखूं |
खुद का परिचय लिखूं मैं जब भी ,
तुम बिन खुद को अपूर्ण लिखूं।
-तेजस्विता ठाकुर-
प्रेम अगर लिखने बैठूं ,
तो तुमको मैं संपूर्ण लिखूं |
खुद का परिचय लिखूं मैं जब भी ,
तुम बिन खुद को अपूर्ण लिखूं।
-तेजस्विता ठाकुर-
एक सीता का साथ हो तो,
ज़िंदगी कितनी ख़ास है
फिर पता नही क्यों ?
लोग कहते इसे 'वनवास' है ।-
निपट अकेले रोने से जी हलका होता है,
कोई नहीं पूछने-वाला तू क्यों रोता है,
ये वे पल हैं, जो नितान्त मेरे अपने पल हैं
यहाँ मौन ही अब मेरी कविता का श्रोता है,
घर से बाहर रहने का अभ्यास कर रहा हूँ!
ऐसा लगता है, जैसे कुछ ख़ास कर रहा हूँ!
रामस्वरूप 'सिन्दूर' | #जन्मदिवस-
सच है विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है।
सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते.
विघ्नों को गले लगाते हैं,
कांटों में राह बनाते हैं.
_ रामधारी सिंह दिनकर
#जन्मदिवसदिनकर #जन्मदिन-
पक्ष विपक्ष (Pro . Cons )की नज़र से देखने लगिए कोई चीज़ , कोई आदमी , कोई वाद , कोई प्रक्रिया अच्छी ही नहीं लगती । फिर वरियता ( priority) के अनुसार चुनना होता हैं या जो थे आप वही बने रहना होता है । वही बने रहेंगे तो अतिवादी, /कट्टर ,/ झुकाव के साथ तौले जायेंगे । लोग/ समाज कहेंगे इतना जड़ था की बदला ही नही । बदल जायेगे तो ये कहा जा सकता अच्छी बात समय के साथ परिवर्तन जरूरी है । नही पसंद आयेगा बदलना तो कहेंगे मौसम था बदल गया या गिरगिट की तरह रंग बदलता हैं ।
कुल मिला के लोग जीना दूसरे का नर्क करते पर चाहते उनका जीना आसान हो ।-
वैसे तो लोगों को जज नही करना चाहिए, लेकिन जैसे ही कोई बताता है की उसकी 3 लड़किया हैं फिर लड़का , मेरे अन्दर न जाने क्या कीड़ा जाग जाता है और मन करता हैं ये सवाल पूछ ही लू ये तीन लड़कियां इस लिए पैदा की की लड़कियों से प्यार था ? या तीन बच्चे चाहिए थे? या एक लड़का पैदा करने के चक्कर में तीन लड़कियां पैदा की है ।।😐
मुझे उम्मीद हैं आप जवाब देंगे ।-
जिस दिन कहा था, तुमने किसी के आसूंओ को घड़ियाली आसूं,
उसी दिन स्वतंत्र हुआ था इन्सान, तुम्हारे आसूंओ को घड़ियाली कहने के लिए ।।-
जिंदगी मे दिखाए नए नए नजरियों में उलझी मैं !!
कुछ को शब्द दे पा रही , कुछ अभी बस महसूस किया है 😊-