Shipra Kaushik   (Dariya ~ दरिया)
49 Followers · 30 Following

Trying to find out myself
Joined 26 December 2017


Trying to find out myself
Joined 26 December 2017
28 DEC 2017 AT 19:49

बातों बातों में फिर नासमझी कर गया

मैंने कहा इश्क़ है।

उसने कहा किससे ?

-


1 APR 2021 AT 0:03

ले चलों,
वापिस उसी गली
जहां छोड़ आई
मैं–नखरें–शौक़
और
सपने।

-


19 APR 2020 AT 23:16

आलम ये है यहां -
के बिना
चस्मों के,
दुनिया ही धुंधली पड़ जाती है
किसी के दिल में झांक के कैसे देखें ??

-


13 AUG 2019 AT 2:06

हवाओं ने रुख़ बदल लिया था
शायद सर्दियाँ लौट आयी थी

वो जाते हुए मुसाफ़िर की ख़बर
उसके क़यामत के रोज़ आयी थी

-


11 AUG 2019 AT 0:16

आफ़तों ने डेरा डाल लिया है
ए ज़िंदगी
छीन गया तुझसे तेरा घर !!!!

-


18 APR 2019 AT 23:26

एक लम्हा लगा बिखरने को
काँच की तरह सपनों को ..

-


16 FEB 2019 AT 22:06

वज़ह जान पाया है कोई ?
सुना मैंने !
कयामत के रोज़, मुस्कुरा
रही थी।

-


16 NOV 2018 AT 18:34

आज खबर हुई
परेशान है वो !!
ये वही था ना
कहा था शुरूवात में ही
मुझसे ये सफ़र ना होगा,
साथ तुम्हारे ज़िन्दगी का

-


12 NOV 2018 AT 20:48

मुझसे "नफ़रत" की गई हो
या "मोहब्बत"
मैं जाते जाते उनकी रगों में
अपने रंग उतार आयी हूं।

-


7 NOV 2018 AT 1:35

जायज़ा लेते है
बेवक़्त बतलाते है
लोग!
हिसाब लगाते है
गमों का,
बर्बाद कितने है
जिंदगी में,
कौन सुनता है ?
किसी की कोई ...

-


Fetching Shipra Kaushik Quotes