बातों बातों में फिर नासमझी कर गया
मैंने कहा इश्क़ है।
उसने कहा किससे ?-
Shipra Kaushik
(Dariya ~ दरिया)
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Trying to find out myself
Joined 26 December 2017
28 DEC 2017 AT 19:49
19 APR 2020 AT 23:16
आलम ये है यहां -
के बिना
चस्मों के,
दुनिया ही धुंधली पड़ जाती है
किसी के दिल में झांक के कैसे देखें ??-
13 AUG 2019 AT 2:06
हवाओं ने रुख़ बदल लिया था
शायद सर्दियाँ लौट आयी थी
वो जाते हुए मुसाफ़िर की ख़बर
उसके क़यामत के रोज़ आयी थी-
11 AUG 2019 AT 0:16
आफ़तों ने डेरा डाल लिया है
ए ज़िंदगी
छीन गया तुझसे तेरा घर !!!!-
16 FEB 2019 AT 22:06
वज़ह जान पाया है कोई ?
सुना मैंने !
कयामत के रोज़, मुस्कुरा
रही थी।-
16 NOV 2018 AT 18:34
आज खबर हुई
परेशान है वो !!
ये वही था ना
कहा था शुरूवात में ही
मुझसे ये सफ़र ना होगा,
साथ तुम्हारे ज़िन्दगी का-
12 NOV 2018 AT 20:48
मुझसे "नफ़रत" की गई हो
या "मोहब्बत"
मैं जाते जाते उनकी रगों में
अपने रंग उतार आयी हूं।-
7 NOV 2018 AT 1:35
जायज़ा लेते है
बेवक़्त बतलाते है
लोग!
हिसाब लगाते है
गमों का,
बर्बाद कितने है
जिंदगी में,
कौन सुनता है ?
किसी की कोई ...-