तुम मुकम्मल इश्क़ करना
मैंने अधूरा छोड़ दिया
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जिंदगी कुछ गम भी देती जा, और निकलने के मनसूबे बता,
फरेबी दिल ने अजीब ख्वाब देखा है,
उन्हें पूरे करने की ख्वाहिश है,
यू अजीब सी पगडंडियों पर चलने की,
जो मुझे खुद की खोज में मदद करे,
नहीं जानता कहा पहुचूंगा,
पर डूबना चाहता हूँ,
डूब कर फिर निकल जाउंगा,
मुझे मालूम है मैं लडखडाऊंगा
पर मैं सम्भल जाउंगा
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उफ़,
बवाल हो तुम
मेरे होठो की भीनी मुसकान हो तुम
मेरा मेहंगा नशा हो तुम
मेरी बेरंग जिंदगी का हसीन रंग हो
अधूरी सी कहानी का एक खूबसूरत अंत हो तुम
उफ़,
बवाल हो तुम
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एक बात कलम से निकल गई .
मुझे इत्मिनां था की मैंने कहा .
मुझे ना पता ये हुआ था कब .
पर जो भी था ये गुमा ही था .
वो खुदा था या ख्वाब था .
मेरी जिंदगी का हिसाब था .
चंद लम्हें में जी लिया . तेरा कर्ज खुद उतार कर .
मैंने (मैं) को खुद से जुदा किया .
तेरी रुखशती की दुआ पढ़ी .
फ़िर यकीन हुआ वो(मैं)नहीं खुदा था वो.
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तेरी चौखट से गया अब नहीं लौटेगा
वो जमी का था अब आसमानी हो गया
अमा यार तेरा आशिक रूहानी हो गया-
He- How are you?
She- I am OK. You?
He- ..................... Fine now.
She- Bye
He- 🤐.-
बड़ा आसान है दिल तोड़ देना
एक पल में फ़लक से जमी पर छोड़ देना
तुम क्या जानो एहसासों को
मुस्कुरा कर दिल तोड़ने वालों
गली-कूंचो में जो अफसाने गूंजते है
उसे मुहब्बत नहीं कहते
जो इंसान को खुदा कर दे
जो उफ़ ना करे और अपना सब देदे
उसे मुहब्बत कहते हैं-