जिंदगी कुछ गम भी देती जा, और निकलने के मनसूबे बता,
फरेबी दिल ने अजीब ख्वाब देखा है,
उन्हें पूरे करने की ख्वाहिश है,
यू अजीब सी पगडंडियों पर चलने की,
जो मुझे खुद की खोज में मदद करे,
नहीं जानता कहा पहुचूंगा,
पर डूबना चाहता हूँ,
डूब कर फिर निकल जाउंगा,
मुझे मालूम है मैं लडखडाऊंगा
पर मैं सम्भल जाउंगा
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