जिस्मानी मोहब्बत तो सब कर लेते हैं.. कभी रूह से मोहब्बत करके देखो ना.. किसी की खूबसूरती पर नहीं.. कभी किसी के दिल पर मीट कर देखो ना.. चेहरे से होने वाली मोहब्बत, आज है कल मीट जायेगी I रूह वाली मोहब्बत करके, जिंदगी भर साथ निभा कर देखो ना....!!!
गुस्सा भी तुमसे, प्यार भी तुम्हीं से, फिर क्यों इतना परेशान हो तुम...! बेहद प्यार है तुमसे, मेरी हर खुशी की शुरुआत हो तुम...! इस तरह से बसे हो मुझमे, मेरी रूह की पहचान हो तुम...!
मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया, नजरो को जो दीदार तुम्हारा मिल गया..! और किसी चीज़ की तमन्ना मैं क्या करूं, जब मुझे तेरे यादों का सहारा मिल गया..!!
इन जज़्बातों के अल्फाज़ हो तुम... चाँदनी के प्यारे चांद हो तुम... इस साहूकार की तिजोरी भी तुम... इस बेसहारे का सहारा भी तुम... कैसे बताऊ अपने ज़ज्बात... बस ये जान लेना, इस सोलह शृंगार की लाज हो तुम...