मेरी पहली पत्र रचना
-
मुझे "मै' शब्द पसंद है। इसलिए मेरी लगभग सभी quote (मै, मुझे और हम) पर ... read more
शीर्षक:- मैं ही तो मैं हूं।
मैं ! मैं हूं , हां मैं ही तो मैं हूं।
मैं वर्तमान हूं , मैं भविष्य हूं।
मैं नियति हूं , मैं कर्म हूं ।।
मैं धर्म हूं , मैं फल हूं । हां ! मैं ही तो मैं हूं ।।
मैं भाग्य रचने वाला, खुद के साथ चलने वाला।।
मैं! मैं हूं सबके दिल को जीतने वाला ।
हां मैं ही तो मैं! मैं हूं । मैं को स्थापित करने वाला। ।
स्वप्न को अपने दम पर साकार करने वाला
मैं! मैं हूं खुद का विश्वास जीतने वाला।
मैं स्वाभिमान हूं ।मैं बलवान हूं
हां मैं ही तो मैं हूं जगत को समझने वाला ।
खुद का विस्तार करने वाला ।
खुद से प्यार करने वाला ।।
मैं ! मैं ही तो हूं , ख़ुद पर अभिमान करने वाला
हां मैं ही तो मैं हूं। खुद के साथ चलने वाला ।
ख़ुद को भव सागर से पार करने वाला
मैं! मैं हूं इस संसार को समझने वाला ।।
हां मैं ही तो मैं हूं।।
अब ! तुम भी जान जाओ
ख़ुद को पहचानो तो सही
वक्त को एकदिन अपने हाथों के
कटपुतली जरूर बनाओगे ।।
-
ख़ुशी में चाहें जितना भी भूल जाए पर ,गम में सिर्फ़ अपने ही याद आते हैं।
और जो आपको अपने गम में न सामिल करें , उसके ख़ुशी में आपके होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता,,,,! 🤷🙂-
शिर्षक :- हिंदी वरदान बनते जा रही है!
पहले अपरिचित थे अब पहचान बनती जा रही है!
इस पार्थिक जीवन में ,अब जान भरते जा रही है !
सिर्फ़ बातों का जरिया होंगी दूसरों के लिएं!
मेरे लिएं हिंदी तों वरदान बनती जा रही हैं !!
संस्कृत हैं जननी जिसकी , अब मां बनती जा रही है !
हिंदी सदियों से बोलियों को विस्तारित करती आ रही हैं!!
कितने भाषाएं आईं,गई और चली भी जाएंगी !
हिंदी हर भाषाओं की आधार बनती आ रही है!
मानसिकताएं है लोगों की क्या करेंगे हिंदी पढ़ कर ?
अजी देखिए तों सही, हर क्षेत्र में , भागीदार बनती जा रही है !!
शिक्षक , लेखक, पत्रकार यें तों हुईं योग्यता की बात!
हिंदी हर भावनाओं की सम्मान करतीं आ रही है ।
हिंदुस्तान शान,हिंदी स्वाभिमान बनती आ रही है!
मेरे लिएं हिंदी तों अब वरदान बनती जा रही है।-
किसी ने आवाज दी ?या कान बज रहे हैं मेरे?
किसी को भूल रही हूॅं या कुछ याद कर रहे हैं
सब तो गिनते है मुझे भी इंसानों में!
जिंदा हूं,की सिर्फ सास चल रहे हैं मेरे?-
बड़े बेशकीमती तौफ़ा थे वो ,जिनपे हम गुमान करते थे।
ख़ैर ,अब न वो हमें याद करते हैं न हम उन्हें याद करते है ।।
-
My cute friend रौशनी श्रीवास्तव जी
मेरे लिए तुम ही तो अपनी हों
मै राह तो तुम राही हों
सिकार हूं तुम सिकारी हो
Welcome my heart ❤️
-
ये तितलियां भी कमाल करती हैं
पसन्द हैं फूल और पत्तों से बात करती हैं-
शिक्षक दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं
____________________________________
लाल रक्त के डोर से,लाल बनाकर पाले!
हॅंसना,बोलना ,चलाना ,जीनके दम पर जानें!!
पहली मां,दूसरे पिता,फिर गुरु, और गोविन्द!!
जिनके दम पर हम आज गुरु महिमा पहचानें!!
ये वो गुरु हैं जो बिना गुरु दक्षिणा लिए,
बने हुए हैं हमारे रखवाले!!
__________________________
अल्फाजो में क्या बयां करना ,जीवन में जो गुरु का महत्व है!
चौक से पेंसिल,तब कलम,अब कंप्यूटर का बटन हैं!!
जीनके वजह से ,अंधेरा से रौशन,अब सात रंगों का शहर है!!
क्योंकी शिक्षक हैं तो, सब संभव है!शिक्षक हैं तो संभव है!
________________________________
जीनके दम पर हम, सजाते हैं आंखों में तारे ,
जिन्होंने निस्वार्थ , बिछाएं है सितारे!
जीनके शरण में झुकतें हैं शीश हमारें!!
_______________________________
शुक्रिया तो उनका होता , जो रास्ता दिखादे!
उनका कितना सुकरान?जिन्होंने सबके भाग्य संवारे!!
मेरा जीवन नदियां, ज़िंदगी एक भंवर हैं!
मेरे गुरु जी है खेवहियां, तभी तों हम बेफिक्र हैं!!
_________________________________
क्या पाए हों जो खोने से डरते हों
कहां ठहरें थें जो गुम हैं, कहते हों
क्या आपके कोई गुरु नहीं ? गर हैं!
तो आगे बड़ो! ज़माने में क्यों उलझते हों?-