गलत सोच और समझ के कारण लिए गए फैसले हमेशा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विनाश कर देते हैं जैसे किसी भी व्यक्ति ने आपसे अपने दिल की कोई भी बात कही और आपने उसका कोई भी गलत अर्थ निकाला और गलत अर्थ निकाल करके आपने कोई भी फैसला लिया तो उसमें आपका ही व्यक्तित्व का निर्माण नहीं हो पता है और कहीं ना कहीं आपके व्यक्तित्व के चमक धूमिल होती चली जाती है आप कोई भी आकर्षण का केंद्र नहीं रह जाते हैं
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ईश्वर से बात करना बहुत सरल है वह आपके दुख,क्रोध,आंसू,उदासी,ख़ुशी, मौन हर तरीके की भाषा को समझते हैं इसलिए केवल ईश्वर से ही दिल की बातें करें
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जो प्रेम आपको आपकी चेतना के शून्यतम तल से मिला दे वो सच्चा गहरा प्रेम है जो आपको आजादी दे जो आपको आपके भीतर छिपे अंधकार से निकाल कर प्रकाश के पुंज तक ले जाए वो प्रेम है जो आपको अनहद नाद शुद्धतम गहरे मौन से पहचान करवाए वो सच्चा प्रेम है
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हमें प्रकृति के गुणों को अपने भीतर विकसित करना होगा हमारे भीतर जो भी गुण हैं उन्हें उसी स्थान पर निखारना होगा स्वयं की पहचान कर पुरुषार्थ करना होगा
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दुख इस बात का नहीं है कि जरूरत पड़ने पर लोगों ने मेरी मदद नहीं की बल्कि दुख तो इस बात का है कि मैं ही अपने जीवन में श्री राम और कृष्ण को क्यों नहीं चुना?
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किताबी ज्ञान भी शून्य हो जाता है
यदि आपको व्यावहारिकता का ज्ञान नहीं है-
जो लोग आपको साधारण समझ कर छोड़कर चले गए एक दिन वो आपकी उपलब्धियां देखेंगे
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