मुलाकातों की परवाह किसे है
हमें तो आपको सोचने भर से
ही सुकून मिल जाता है...
और प्रेमी हृदय एक दूसरे
से अलग कभी हुआ है भला
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उस प्रेम में मिली पीड़ा का
अनुभव उस प्रेमी हृदय से पूछिये
जो अपने पूर्ण हृदय से , उस अधूरे प्रेम
को निभा रही है.... और फिर प्रेम को स्पर्श
में नही, बल्कि दूरियों में हमने जाना है..-
प्रेम मे सबसे सुंदर किरदार है
एक प्रतीक्षारत स्त्री का... किंतु
उससे कही ज्यादा खूबसूरत है उस
इंतज़ार का मान रखने वाला वो पुरुष
जिसने स्त्री के पुर्ण समर्पित प्रेम
को, पुर्ण समर्पण हृदय से स्वीकार किया...!!-
प्रेम ... सिर्फ एक शब्द नही
ये अवाख्य एक भावना है
हम जिसे प्रेम करे उसे पा लें
प्रेम यही तक सीमित नही होता
किसी के यादों में जीना
और अनंत काल तक उसका इंतज़ार करना
भी प्रेम ही है.... अर्थात" धर्य ही प्रेम है "-
प्रेम... ❣️
अर्थ से परे, शब्दों के बोझ से मुक्त
हृदय के अंत: मे निहित होता है
और प्रेम जब हृदय की गहराई मे
उतर जाता है, तब प्रियतम हमारे आराध्या
की जगह ले लेता है , और फिर ईश्वर और
प्रियतम का स्थान एक हो जाता है हमारे हृदय में..-
Suno... Baat agar sukun ki hai to...
Hme aapse milne se jyda
Apke khyalon mein khone se
Milati hai, aapke ghar tak jane
Wale ush raste ko dekhne se
Milati hai, apki pasand ki chiz ko
Ji bhar kr dekh lun to sukun
Mil jati hai.... Aap sirf ek insan
Hi nahi balki mere jivan ka
Sukun hai aap.. ❣️🌹
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एक संबंध, एक रिश्ते की श्रेष्ठता , सफलता
वो है, जिसमे शब्दों की आवश्यकता समाप्त हो जाए
आप जो मेहसूस कर रहें हैं, उन्हें कहने के लिए
शब्द नही बल्कि वो आभाष हो उन्हें, संतोष हो, विश्वास हो, हृदय के भाव को वो सहज ही समझ लें।।
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यू अधूरा सा लगता है,
मेरा श्रृंगार करना
बस आपकी एक नज़र की बात है,
मेरे श्रृंगार को परिपूर्ण करने मे।।-