आज के मौसम में,
फ़िज़ाओं में, घटाओं में,
तेरी दिलकश सी अदाओं में,
तेरे हँसने में, मुझे कसने में,
दूर से ही तेरे एकटक निहारने में,
तेरे हर जलवे में सुख ही सुख है।-
पहले खुद के अंदर,
चारों तरफ़ से, हर परिस्थिति को निहारना,
समझना पहले खुद को,
तो निकलेंगे खुद में ही बहुत दोष,
देखना गौर से, सलाह देना खुद को, सुधारना खुद को।-
भले हो हर तरफ़ काँटे,
फूल बिखराना पड़ता है,
अपने वजूद को मजबूत बनाना पड़ता है,
रोने से होती है तक़दीर कमजोर,
हँसकर हर गमों को भुलाना पड़ता है
जीवन को आत्मविश्वास और गर्व से सजाना पड़ता है।-
जब दिल साफ और ईमानदार होता है,
इसमें ज़रा भी छल का नाम ना होता है,
ताने और ईर्ष्या का ना रिश्ते में वजूद होता है,
अहंकार से इंसान जब कोसों दूर होता है,
तो खुद -ब -खुद खुशियों का आगमन होता है।-
तेरा साया रहे मुझ पर सदा,
तुझ से एक पल ना हो पाऊँ जुदा,
तू है तो दुनिया से मुझे क्या लेना,
तेरे होने से है ज़िन्दगी में हर पल सवेरा।-
भले इंतज़ार थोड़ा लम्बा होता है,
मुश्किलों में वक़्त गुज़रता है,
इस बीच कुछ लोगों का साथ भी छूटता है,
लेकिन अंत भला तो सब भला,
मेहनत का फल मीठा होता है।
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अपने को गले लगाकर,
खुद को दोस्त बनाकर,
सारे वादे खुद से करने निकले हैं,
खुद ही खुद को जोड़कर,
हर बार गिरे, लेकिन इस बार मजबूती से उठे हैं,
सब कुछ चाह लेंगे, जीत का नशा पहन कर निकले हैं,
इस बार खुद से मिलने निकले हैं।
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मुझे सदा अपने पास बुला लो,
रह जाऊँ तुम्हारी आँखों के समुन्दर में,
इस बार डूबुँगी तो पार हो जाऊँगी।-
तुम्हारे अनुसार तो सब खत्म हो गया,
लेकिन अब भी मेरा सवाल रह गया,
कि मेरी वफ़ा ने तुम्हारी आत्मा को क्यों नहीं झकझोरा?-