ग़र तुम सही हो तो,
अपनी बात रखने का,
गलत के लिए आवाज़ उठाने का,
अत्याचार के विरुद्ध बिगुल बजाने का,
अन्याय से निडरता के साथ लड़ने का,
हमेशा आगे बढ़ने का,
साहस होना चाहिए।-
खुद को खत्म करके
काम में लग जाना होता है,
तब जाकर ये ज़माना,
तुम्हारे काम का दीवाना होता है।-
मतलब से बनी है ये दुनिया, बेमतलबी नहीं है,
फूलों के बीच यह काँटों के बिना खिली नहीं है,
मासूम चेहरों के पीछे, मासूमियत छिपी नहीं है,
अपना मतलब निकाल कर, ये दुनिया तेरे लिए खड़ी नहीं है।-
अवसाद (Depression)
अवसाद से कोई निखर नहीं पाया,
अवसाद ने ही सब कुछ बिखराया,
अवसाद से सरल चीज़ें भी लगती मुश्किल,
जीतना भी हो तो अवसाद खत्म कर देता है सब कुछ,
अवसाद से हर कार्य होते हैं असफल,
क्योंकि "अवसाद" जो खुद एक नकरात्मक शब्द है,
वो क्या देगा सकरात्मक उत्तर?
अवसाद कर देता है ज़िन्दगी का नाश!-
अपने अनुभवों से आगे बढ़ती है ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी का प्रथम और अंतिम उद्देश्य है "ख़ुश रहना"
सबको सम्मान और प्यार देकर, केवल उचित ही चुनना।-
खुद को ख़ुश रखो,
खुद पर ध्यान दो,
रोते हुए चेहरों के पास,
कोई जाना पसंद नहीं करता,
अवसाद में घिरने पर कोई मदद नहीं करता,
सुख के दिनों में होती है भीड़,
संघर्षों में इंसान होता है अकेला,
इसीलिए तू खुश रहेगा तो सब कुछ होगा तेरा।-
मैं प्रत्यक्ष हूँ या अप्रत्यक्ष, रिश्ते में समर्पणता ही वफ़ादारी है।
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दूसरों से घृणा, नफ़रत करके भी,
ग़र तू करता भजन-कीर्तन,
तो तेरे इस दिखावे से कर्म तेरे ही खराब हुए,
कर्मफल को जानकर ही तू कर्म कर,
जो सोचेगा, वो पायेगा,
ग़र जिसका तू दिखावा करेगा,
वो सब तू गँवायेगा।-
फिर मैं तेरे प्यार में बढ़ता चला,
दुनिया के फीके रंगों से दूर,
मैं सिर्फ तेरे पक्के रंग में रंगता चला,
जीत हो या हार,
होगी वो भी तेरी ही,
क्योंकि मेरा तो हर रंग तुझमें ही घुलता चला।-
तेरे होते हुए भी मैं रोता ही नहीं,
तेरे प्यार के बाद भी तेरे प्यार को तरसता ही नहीं,
खोने का भी डर मन में होता ही नहीं,
मोहब्बत होती तो,
तेरे बहाने और झूठी कहानियाँ होती ही नहीं।
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