आख़री मोहब्बत बने तू मेरी
क्या इतना प्यार तुझमें है
तेरे आग़ोश में पिघल जाएँ दर्द मेरे
क्या इतनी हिद्दत तुझमें है
राज़दार बने मेरे हर ज़ो'फ़ का
क्या इतनी उलफ़त तुझमें है
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Namaste! A warm welcome to you and a big thank you for t... read more
भरोसा एक खुला दरवाज़ा है
जो हर धोके के बाद कुछ कम खुलता है
और एक बार जो यह बंद हो जाए
तो इसका खुलना नामुमकिन है-
आसान तो नहीं है मगर
मेहनत में अगर हो ना कोई कसर
तो काम हो ही जाता है
बहकते हैं क़दम पहले
कंकरों पर भी
चलते रहने से पहाड़ों को
फ़तह करने का साहस मिल ही जाता है
मन के हारे हार है
मन के जीते जीत
मन के कोहरे को पार कर लें अगर
तो उजाला दिख ही जाता है !
राहें अनगिनत हैं तो भी क्या फ़िकर
लक्ष्य पर केंद्रित रहने वाले को
मुक़ाम मिल ही जाता है-
फिर वही मुश्किल है सामने
फिर वही दो राहें हैं
ख़ुश रहूँ, या ख़ुश रखूँ
इसी असमंजस में दिन रैन गुज़ारे हैं
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रात उदासी में लिपटी है
मुस्कुराहट तकिये के नीचे सिमटी है
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हर दर्द को अपना लिया
हमने नहीं शिकवा किया
इसी अदा पे फ़िदा थे वो ‘अपने’
जिन्होंने हमसे दग़ा किया !-
हर दर्द को अपना लिया
हमने नहीं शिकवा किया
बड़े शातिर थे वो ‘अपने’
जिन्होंने हमारी नब्ज़ पहचानकर
हमसे दग़ा किया-
सच कहा था तुमने
मेरे हर दर्द की वजह मैं हूँ
तुम इस क़ाबिल कहाँ
कि मुझे कुछ दे सको !-
अंधेरी रातों में
जो तुम बेबाक़
टहलते हो
दाग़ हैं चेहरे पर
फिर भी
अपनी ख़ूबसूरती पर
घुमान करते हो
ढलते हो हर बार
पर उठकर शान से
चमकते हो
चाँद तुम वादा करो
मुझे भी तुम यूँ
खुलकर जीना सिखाओगे-
तो दिल चीख़कर कहता है
थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब
ममी के डाइयलोग से लगता है-