तू मुझमें समां जाती हैं यूं ही,
पास आके बैठ जाती हैं यूं ही,
कान ला ज़रा एक बात तो सुन,
क्या कहना था अब याद ही नहीं,
आके सब कुछ भुला जाती हैं यूं ही !!!-
कभी कुछ आधा सा मैं कहूं ,
तो तुम उसको पूरा समझ जाना,
मैं तो उलझा सा हुआ हूं तुम में,
तुम मुझमें आके सारा उलझ जाना।।☺️☺️
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है इतनी सुकून भरी मुस्कान उसकी,
देखता हूं तो दिन भर की थकान भूल जाता हूं।।❤️❤️-
शर्म तो दुनिया भर से रहेगी,
तुम्हारे साथ तो मुझे बेशर्म जीना है!!
❤️😘❤️😘-
तेरी मुस्कान जैसे सच्चे मोती,
मैं उन मोती को बनाता सीप हूँ,
तू जैसे आसमां से आती बारिश है,
मैं उनको समेटता किसी पेड़ का बीज हूँ,
तू पेड़ के पत्तो से छनकर आती हवा जैसी,
मैं तुझपर सफर करता एक कोमल पक्षी हूँ,
तू सूरज से निकल कर तेज़ी से आती धूप जैसी,
मैं तेरे आने पर खिलने वाला फूल सूरज मुखी हूँ,
तू रात में खिलकर खुशबू देती रातकली जैसी,
मैं उस खुशबू से खुश होता एक राही हूँ।❤️❤️-
क्या बात है क्या बात है क्या बात है....
सुबह ओ शाम तेरा यूँ चले आना,
बैठ कर मुझे अपना हाल बताना,
रूह तक उन बातों का उतर जाना,
उन लम्हो का मीठी याद बन जाना,
उस याद का फिर दिन रात सताना,
पूरी रात फिर बिन सोये बीत जाना,
फिर सुबह उठ सब अनजान हो जाना,
दिनो तक ये सिलसिला यूँही चलते जाना,
क्या बात है क्या बात है क्या बात है।-
मैं किसी का तो वो मेरी दुनिया,
नही तो मैं तेरा कुछ भी नही
तू मेरा कुछ भी नही !!-
एक दिन मेरी परछाई तक तुझसे इतनी दूर चली जाएगी,
तेरी आवाज़ की गूँज मुझ तक कभी पहुँच नही पाएगी,
बंद आँखों मे भी बिखराते आँसू तूने दे दिए है मुझे,
अब तेरी लिखावट कभी भी मुझे तलाश नही पाएगी !!!-
अल्फ़ाज़ तो मशहूर है मगर टूटे हुए से है,
एहसास तो मगरूर है मगर छूटे हुए से है,
जब समंदर ने ही छोड़ दिया किनारे का साथ,
पल वो याद तो है मगर धुँधले धुँधले से है !!-