ज़हर तो ज़हर होता है
मीठा क्या, नमकीन क्या!-
A hopeful person by heart...
A photographer by hobby...
A nature... read more
इन उमड़ते घुमड़ते बादलों ने सूरज को ढकना चाहा था..
परंतु एक झोंका ही काफी था इन्हें बहा ले जाने के लिए
ऐसे ही लोगों ने मेरे सपनों पर विराम लगाना चाहा था..
पर मेरा एक संकल्प ही काफी था, मंज़िल पा लेने के लिए!-
सोलह श्रृंगार कर लेना
सौदे हज़ार कर लेना,
चांद ज़रा आइस्ता निकलेगा
थोड़ा इंतजार कर लेना!!-
जीवन वैसा होना चाहिए
जीवन कैसा होना चाहिए
एक बंगला, एक गाड़ी
और बहुत सा पैसा होना चाहिए
पर मैं कहता हूं, जीवन जैसा भी हो
तेरे जैसा हमसफर हमेशा होना चाहिए...-
कभी इश्क बनकर
तो कभी तकरार बनकर
मिले हो तुम हमसे...
कभी पतझड़
तो कभी बाहर बनकर..-
मैं थोड़ा तेरा, तू थोड़ी मेरी हो जाए
सुबह तक कुछ ऐसी गुस्ताखी हो
कि दिन भर तेरी याद सताए-
फिर भी मुझसा रंगहीन..
थोड़े ऐब डाल दे मुझमें
तू भी रंगीन और मैं भी शर्महीन..-
कुछ उलझी सी थी कुछ सुलझी सी
कुछ मजलूम सी कुछ मुलजिम सी
कुछ अपनी सी थी कुछ पराई सी...
और...
कुछ बिछुड़ी सी कुछ हासिल सी-
अनगिनत उम्मीदें पलें
मंज़िलें है जिस तरफ, मोड़ है कई उस तरफ..
होगी क्या कठिन वो डगर
जब हम रास्तों से दोस्ती कर चलें-